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Last Modified: बुधवार, 5 अप्रैल 2023 (20:40 IST)

रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद सरकार अलर्ट, हनुमान जयंती को लेकर बंगाल में तैनात होंगी केंद्रीय सुरक्षाबलों की 3 कंपनियां

रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद सरकार अलर्ट, हनुमान जयंती को लेकर बंगाल में तैनात होंगी केंद्रीय सुरक्षाबलों की 3 कंपनियां - kolkata calcutta hc instructions to bengal government to central force to be deployed on hanuman jayanti
कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को हनुमान जयंती समारोहों के दौरान शांति बनाए रखने में राज्य पुलिस की मदद के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए अनुरोध करने का बुधवार को निर्देश दिया। हनुमान जयंती को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा बलों की तीन कंपनियां तैनात होंगी। अदालत ने कहा कि हाल के दिनों में हुई घटनाओं को देखते हुए आम जनता को यह आश्वासन देने के लिए आदेश दिया जा रहा है कि वे सुरक्षित हैं और उन्हें किसी तरह की पेरशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
 
पिछले सप्ताह रामनवमी के जुलूस के दौरान तथा बाद में हावड़ा और हुगली जिलों में कुछ स्थानों पर दो गुटों के बीच झड़प हो गई थी।
 
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने कहा कि इलाज से परहेज बेहतर है।
 
अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि गुरुवार को हनुमान जयंती की रैलियों के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का अनुरोध किया जाए।
 
अदालत ने केंद्र को राज्य से अनुरोध प्राप्त होने पर ऐसी तैनाती के लिए त्वरित व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया।
 
महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने अदालत को बताया कि राज्य में हनुमान जयंती के अवसर पर रैलियां आयोजित करने के लिए पुलिस को करीब 2,000 आवेदन मिले हैं।
 
अदालत ने यह आदेश पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनाया।
 
हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य पुलिस को किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए केंद्रीय बलों की सहायता से सभी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
 
अदालत ने राज्य सरकार को सुनवाई की अगली तारीख पर एक कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा।
Mamta Banerjee
पीठ ने निर्देश दिया कि राज्य पुलिस की खुफिया शाखा को मजबूत किया जाए और ऐसे किसी भी पूर्व नियोजित हमले या हिंसा को रोकने के लिए सभी कदम उठाए जाएं।
 
कोर्ट ने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोई भी राजनीतिक शख्सियत या कोई नेता या आम आदमी बृहस्पतिवार को मनाए जाने वाले त्योहार को लेकर जनता या मीडिया के सामने कोई बयान नहीं देगा।
 
अदालत ने कहा कि पुलिस के पास 'अप्रिय' घटनाओं को देखते हुए किसी भी जुलूस के मार्ग को प्रतिबंधित करने का अधिकार है।
 
कोर्ट ने कहा कि अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे और उन संवेदनशील इलाकों की वीडियोग्राफी करनी होगी जहां से जुलूस गुजरेगा। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma
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