कमलेश तिवारी हत्याकांड में हर मोर्चे पर फेल हुई यूपी पुलिस,अब श्रेय लेने की होड़ में जुटे DGP
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते शुक्रवार को दिनदहाड़े हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के दोनों मुख्य आरोपियों को गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। हत्याकांड के पांचवे दिन गुजरात एटीएएस ने राजस्थान गुजरात बॉर्डर से हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुइनुद्दीन खुर्शीद और अशफाक हुसैन को गिरफ्तार किया।
.गुजरात एटीएएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने बताया कि दोनों आरोपियों ने अपने अपराध को कबूलते हुए हत्याकांड में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है। गुजरात एटीएस ने दावा किया है कि दोनों आरोपियों ने कमलेश तिवारी के 2015 में दिए बयान से नाराज होकर उनकी हत्या कर दी।
यूपी पुलिस के हाथ रहे खाली - हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में भले ही हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने राहत कि सांस ली हो लेकिन इस हत्याकांड ने यूपी पुलिस की खासी किरकिरी करा दी है। कमलेश तिवारी हत्याकांड में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें से पांच आरोपियों को गुजरात एटीएसएस ने पकड़ा है, इसमें तीन मुख्य साजिशकर्ताओं के साथ मंगलवार को हत्याकांड में गिरफ्तार दोनों मुख्य आरोपी भी शामिल है।
वहीं हत्याकांड के मामले में एक गिरफ्तारी महाराष्ट्र एटीएस ने की है, यह तब है जब हत्या की वारदात कोई सीमावर्ती इलाका न होकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस शुरु से ही हर जगह खाली हाथ नजर आई..यह तब हुआ जब हत्याकांड के मुख्य आरोपी हत्या के पहले और हत्या के बाद लखनऊ और प्रदेश की सीमा में कई दिनों तक बेखौफ होकर घुमते रहे इसके साथ ही हत्या के आरोपी करीब साठ से अधिक कैमरों में कैद हुए..लेकिन यूपी पुलिस उनको पकड़ नहीं सकी।
अब श्रेय लेने में जुटे यूपी डीजीपी - कमलेश तिवारी हत्याकांड में आरोपियों को नाकाम रहने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया ओम प्रकाश सिंह मंगलवार को गुजरात एटीएस के दोनों मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के पीछे यूपी पुलिस के दबाव को मान रहे है। गिरफ्तारी के बाद मीडिया.से बात करते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि कमलेश के हत्यारों पर पुलिस ने इतना अधिक दबाव बनाया कि उन्हें उत्तर प्रदेश छोड़ गुजरात भागना पड़ा। यूपी डीजीपी का यह बयान अपने आप ही योगी राज की उस हाईटेक पुलिस की कार्यप्रणाली को दिखाता है कि जिसमें. वह तमाम सबूत और सुराग के बाद भी हत्या जैसे जघन्य हत्या के आरोपियों पर केवल दबाव बना सकती है गिरफ्तार नहीं कर सकती।
यह हालात तब है जब इस पूरे मामले में सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दखल दिया था। यूपी पुलिस जो इस मामले में अब श्रेय लेने की होड़ में जुटी है उसकी पोल खोलने के लिए गुजरात एटीएस के डीआईजी का वह बयान काफी है जिसमें उन्होंने बताया कि दोनों मुख्य आरोपी सोमवार को नेपाल सीमा से शाहजहांपुर पहुंचे और इसके बाद कई अन्य जिलों से होतो हुए मंगलवार शाम को राजस्थान गुजरात बॉर्डर के शामलाजी पहुंचे, जहां से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गुजरात एटीएस की इस कामयाबी पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने बधाई दी है।
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कैसे हुई मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी - कमलेश तिवारी हत्याकांड में दोनों मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के पीछे पुलिस की सक्रियता से अधिक उनकी चूक मानी जा सकती है। गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने बकाया कि दोनों आरोपियों के पास पैसे खत्म हो गए थे और उनको कोई मदद नहीं मिल पा रही थी,इसलिए दोनों ने गुजरात में अपने घरवालों और परिचितों से संपर्क किया तो पैसा लेने के लिए जैसे ही गुजरात बार्डर के पास पहुंचे पहले से ही घात लगाकर बैठी गुजरात एटीएस ने उनको धर दबोचा। वहीं इस मामले में मास्टरमाइंड और हत्या में शामिल मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले 200 लोगों से पूछताछ की गई और 400 से अधिक मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाकर उन पर नजर रखी गई।