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Last Updated : गुरुवार, 13 अप्रैल 2023 (19:06 IST)

'हम' प्रमुख जीतनराम मांझी ने की शाह से मुलाकात, नीतीश से मिलकर अटकलों को भी किया दूर

'हम' प्रमुख जीतनराम मांझी ने की शाह से मुलाकात, नीतीश से मिलकर अटकलों को भी किया दूर - Jitan Ram Manjhi met Amit Shah
नई दिल्ली। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इन दौरान उन्होंने कहा कि एनडीए में कुछ लोग हैं जिन्होंने खुलकर कहा है कि हिन्दुस्तान में छोटी पार्टियों को रहने की जरूरत नहीं और मैं छोटी पार्टी में हूं। इस दौरान लगी अटकलों पर स्वयं मांझी ने ही नीतीश से मिलकर विराम लगा दिया है।
 
इससे पूर्व उन्होंने यह भी कहा था कि मैंने प्रण लिया है कि मैं नीतीश कुमार के साथ रहूंगा। नीतीश में प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं। वे विपक्षी दलों को एकजुट करने का ईमानदार प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में मांझी को लेकर अटकलें तेज हो गईं।
 
मांझी ने शाह से यह मुलाकात ऐसे समय में की है, जब जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाने के अपने प्रयास के तहत राजधानी दिल्ली में हैं और कई विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने हालांकि किसी भी तरह की अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की।
 
मांझी ने कहा कि उन्होंने कुमार के साथ बने रहने की शपथ ली है। भाजपा के साथ हाथ मिलाने की किसी भी संभावना को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि उसने उनके जैसे छोटे दलों के अस्तित्व के खिलाफ बोला है। दलित नेता मांझी के बेटे राज्य में राजद-जद (यू)-कांग्रेस और वामपंथी दलों के महागठबंधन की सरकार में मंत्री हैं।
 
मांझी की शाह से मुलाकात उनकी पार्टी की उस मांग के मद्देनजर हुई जिसमें दशरथ मांझी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारतरत्न' से सम्मानित किए जाने की बात सामने आई थी। दशरथ मांझी ने 2 दशक में पहाड़ों को खोदकर सड़क बना दी थी। उनकी इस उपलब्धि पर एक फिल्म भी बनी है।
 
शाह के साथ अपनी बैठक के बाद वे नीतीश से मिलने भी पहुंचे ताकि ऐसी किसी भी धारणा को दूर किया जा सके कि वे फिर से 'यू-टर्न' ले सकते हैं। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बिहार में छोटे दलों को साधने में जुटी हुई है।
 
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जद (यू) की करारी हार के बाद नीतीश कुमार द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए मांझी ने 2015 में जब कुमार को कुर्सी सौंपने की बात आई थी तो बगावत कर दी थी और भाजपा से हाथ मिला लिया था। वे 2019 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा थे। इस चुनाव को जद (यू) और भाजपा ने एक साथ लड़ा था। बिहार के कुछ हिस्सों में 'मांझी' समुदाय में जीतन राम मांझी का खासा प्रभाव है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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