मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. India to sign pact with US for access to data of military satellites
Written By
Last Updated : सोमवार, 26 अक्टूबर 2020 (23:56 IST)

भारत मिलिट्री सेटेलाइटों के डाटा तक पहुंच के लिए अमेरिका के साथ समझौता करेगा

भारत मिलिट्री सेटेलाइटों के डाटा तक पहुंच के लिए अमेरिका के साथ समझौता करेगा - India to sign pact with US for access to data of military satellites
नई दिल्ली। भारत और अमेरिका मंगलवार को एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, जो दोनों देशों की सेनाओं के बीच अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजो-सामान और भू-स्थानिक नक्शे साझा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर की भारत यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें एक समझौता यह भी होने वाला है, जिसके तहत भारत अमेरिकी सैन्य उपग्रहों से एक वास्तविक समय के आधार पर सटीक डेटा और स्थलाकृतिक छवियों तक पहुंच प्राप्त कर सकेगा।
 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की आज यहां अपने अमेरिकी समकक्ष मार्क टी एस्पर के साथ व्यापक मुद्दों पर हुई चर्चा के बाद अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बातचीत के दौरान सिंह और एस्पर ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को और विस्तारित करने तथा दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की एवं भारत के पड़ोस सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की।
 
सूत्रों ने बताया कि क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करते हुए दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी भारत के विवाद पर भी संक्षिप्त चर्चा की। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों मंत्रियों ने इस बात पर संतोष जताया कि अमेरिकी मंत्री की यात्रा के दौरान बीईसीए समझौते (बुनियादी आदान-प्रदान और सहयोग समझौता) पर हस्ताक्षर होंगे।
 
इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ अलग से बात की और पारस्परिक हित के विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। एस्पर और पोम्पिओ तीसरी मंत्रिस्तरीय ‘टू प्लस टू’ वार्ता के लिए सोमवार को दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे। वार्ता मंगलवार को होगी। ‘टू प्लस टू’ वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व जयशंकर और सिंह करेंगे।
 
एस्पर के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की अपनी बातचीत के बाद सिंह ने ट्वीट किया कि वार्ता से भारत-अमेरिका के संबंधों में एक नया जोश आएगा। सिंह ने ट्वीट में कहा, ‘भारत को अमेरिकी रक्षा मंत्री डॉ. मार्क एस्पर की मेजबानी करने की खुशी है। आज हमारी बातचीत सार्थक रही, जो व्यापक क्षेत्रों में रक्षा सहयोग को और गहरा करने पर केंद्रित थी।’
 
रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि सिंह और एस्पर ने सेना से सेना के बीच सहयोग, सुरक्षित संचार प्रणाली और सूचना साझा करने तथा रक्षा व्यापार सहित समूचे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा की।
 
इसने कहा, ‘दोनों मंत्रियों ने संबंधित सशस्त्र बलों के बीच करीबी चर्चाओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने सहयोग के संभावित नए क्षेत्रों पर चर्चा की, सेवा से सेवा के स्तर पर तथा संयुक्त स्तर पर।’ मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने महामारी के दौरान भी मौजूदा रक्षा वार्ता तंत्र को सभी स्तरों, खासकर सैन्य सहयोग समूह के स्तर पर जारी रखने का आह्वान किया।
 
उन्होंने एक-दूसरे के प्रतिष्ठानों में संपर्क अधिकारियों की तैनाती को विस्तारित करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की। मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्री ने आगामी मालाबार नौसैन्य अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी का स्वागत किया।
 
सिंह ने रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में हालिया सुधारों को भी रेखांकित किया और अमेरिकी कंपनियों को देश की उदार नीतियों तथा रक्षा उद्योग के बेहतर माहौल का इष्टतम इस्तेमाल करने के लिए आमंत्रित किया।
 
वार्ता में सैन्य सहयोग को मजबूत करने के अतिरिक्त हिन्द प्रशांत क्षेत्र में भागीदारी मजबूत करने तथा जो करार हो चुके हैं, उनके तहत हथियारों की जल्द आपूर्ति जैसे मुद्दे भी उठे।
 
इस वार्ता के दौरान भारतीय प्रतिनिधमंडल में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, रक्षा सचिव अजय कुमार और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी भी शामिल थे।
 
सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आज हुई बातचीत के दौरान एशिया में स्थिरता और सुरक्षा सहित पारस्परिक सरोकारों, हितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।
 
उन्होंने कहा कि जयशंकर और पोम्पिओ के बीच वार्ता में समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद रोधी कदमों, मुक्त कनेक्टिविटी, मजबूत आपूर्ति श्रृंखला सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों ने अफगान शांति प्रक्रिया पर चर्चा की और भारत ने स्पष्ट किया कि सीमा पार से होने वाला आतंकवाद पूरी तरह अस्वीकार्य है।
 
वहीं, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने भी अमेरिका के उप विदेश मंत्री ब्रियान बुलाटाओ से अलग से बात की जो प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। सूत्रों ने संकेत दिया कि मंगलवार को होने वाली वार्ता में भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध पर प्रमुखता से चर्चा हो सकती है। 
ये भी पढ़ें
लद्दाख पर्वतीय विकास परिषद चुनाव में BJP ने जीती 26 में से 15 सीटें