भारत ने पाकिस्तान को विरोध पत्र सौंपा, और कहा...
नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान को सलाह दी है कि वह अपनी ऊर्जा निराधार आरोप लगाने के बजाय आतंकवाद के सफाए पर लगाए तो दोनों देशों के संबंध सुधरेंगे और बातचीत का रास्ता खुलेगा।
इस बीच भारत ने बुधवार देर शाम पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन को लेकर उसके उप उच्चायुक्त को तलब करके उसे इस माह को चौथा विरोध पत्र (डिमार्श) सौंपा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने आज यहां नियमित ब्रीफिंग में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के मुद्दे पर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक समूह का गठन किए जाने के बारे में एक सवाल पर कहा कि कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने के पाकिस्तान के प्रयासों को कोई सफलता नहीं मिली है। पाकिस्तान को सलाह दी जाती है कि वह अपनी ऊर्जा को निराधार आरोप लगाने के बजाय आतंकवाद की गंदगी की सफाई में लगाए।
अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में सहयोग के मुद्दे पर अमृतसर में आयोजित हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामले के सलाहकार सरताज अजीज के भाग लेने और उनके बयान के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में स्वरूप ने कहा कि उन्हें सलाह दी जाती है कि वे पाकिस्तानियों को इकट्ठा करने के बजाए अपनी सरकार की आतंकवाद को प्रायोजित करने की नीति को खत्म कराएं।
पाकिस्तानी मीडिया में भारत द्वारा उसके हवाई क्षेत्र से पाकिस्तान के सिविल विमानों के उड़ने पर प्रतिबंध लगाए जाने संबंधी रिपोर्ट पर पूछे जाने पर स्वरूप ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि 1991 के समझौते के अनुलग्नक ए के अनुसार सैन्य विमान में कार्गो के प्रकार और यात्रियों की सूचना दी जाती है।
पर ऐसे कई मौकों पर पाकिस्तान की ओर से आवश्यक सूचनाओं के बिना ही पाकिस्तान की ओर से ऐसे कई अनुरोध प्राप्त किए हैं। नौ नवंबर को पाकिस्तानी उप उच्चायुक्त की विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पीएआई) से मुलाकात में यह विषय उठाया गया था लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है। (वार्ता)