ओबीसी कोटा : पटेल आज करेंगे रैली, शहर में बंद का आह्वान
अहमदाबाद। अपने ओबीसी कोटा की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए यहां पटेल समुदाय के लोगों की विशाल जनसभा से पहले उनके नेताओं ने सोमवार को कहा कि वे यदि पुलिस इजाजत नहीं भी देती है तो भी वे लोग जिला कलेक्टर के कार्यालय तक महाक्रांति रैली निकालेंगे।
समुदाय के नेताओं ने अपनी प्रस्तावित रैली से पहले आज शहर में बंद का भी आह्वान किया है। पटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल के मुताबिक महाक्रांति रैली जीएमडीसी मैदान में विशाल सभा के बाद निकाली जाएगी जहां पटेल समुदाय के कम से कम 25 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
ओबीसी कोटा के तहत पटेलों को आरक्षण देने की मांग को लेकर वे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। जनसभा के बाद रैली आयोजित करने की घोषणा प्रशासन के लिए आश्चर्य का विषय हो सकता है क्योंकि रैली निकालने के लिए कल तक कोई आवेदन नहीं दिया गया था, पर सिर्फ जनसभा के लिए यह दिया गया था।
पटेल ने कहा, हमारे समुदाय के सदस्य जीएमडीसी मैदान में जनसभा में शामिल होने के लिए सुबह आठ बजे से पहुंचना शुरू कर देंगे। जनसभा को हमारे नेता करीब साढ़े 11 बजे संबोधित करेंगे। इसके बाद हम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के लिए महाक्रांति रैली निकालेंगे।
उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि कम से कम 25 लाख लोग जनसभा में शरीक होंगे, लेकिन स्थानीय लोगों को कोई असुविधा न हो इसके लिए हमने शहर में और गुजरात में पूर्ण बंद का आह्वान किया है। मैं अधिकारियों से स्कूल, कॉलेज और अन्य कारोबारों को कल बंद रखने की अपील करता हूं।
गौरतलब है कि कल संयुक्त पुलिस आयुक्त (विशेष शाखा) विकास सहाय ने स्पष्ट कर दिया था कि सिर्फ जीएमडीसी मैदान में जनसभा के लिए ही इजाजत दी गई है, रैली के लिए नहीं, जिसके लिए समिति ने कल तक आवेदन नहीं दिया था।
पटेल ने सोमवार को कहा कि रैली उनके एजेंडे में था। हम महारैली की इजाजत के लिए सोमवार को आवेदन देंगे। उनके इजाजत ना देने पर भी हम निश्चित रूप से रैली निकालेंगे।
यह रैली शहर के पश्चिमी भाग के व्यस्त इलाकों से होकर और करीब सात किलोमीटर की दूरी तय कर कलेक्टर कार्यालय के पास खत्म होगी। उन्होंने कहा कि रैली किसी भी कीमत पर रद्द नहीं होगी।
उच्चतम न्यायालय के अतीत के फैसलों के मद्देनजर राज्य सरकार के आरक्षण देने में अक्षम होने बाबद मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के संदेश और मीडिया में इस सिलसिले में आए विज्ञापनों पर टिप्पणी करते हुए हार्दिक ने कहा, यदि उच्चतम न्यायालय एक आतंकवादी (याकूब मेमन) के लिए आधी रात को खोला जा सकता है तो लाखों युवकों के उत्थान के लिए क्यों नहीं? यदि सरकार चाहे तो उच्चतम न्यायालय और संसद अधिनियमों को बदल सकती है।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि आंदोलन के चलते मुख्यमंत्री को सत्ता खोने का डर है, हार्दिक ने कहा कि यह हो सकता है। (भाषा)