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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: शुक्रवार, 22 जनवरी 2021 (15:29 IST)

LoC पर 20 दिनों से आग उगल रहे हैं पाकिस्तानी तोपखाने

LoC पर 20 दिनों से आग उगल रहे हैं पाकिस्तानी तोपखाने - firing by pakistan army on LoC in Jammu Kashmir
जम्मू। पाकिस्तान से सटी 814 किमी लंबी एलओसी तथा 264 किमी लंबी आईबी से सटे इलाकों में रहने वाले लाखों सीमावासियों के लिए नया वर्ष कभी खुशियां नहीं लाया है। दरअसल, पाक सेना ने हमेशा ही नए साल की ‘खुशियां’ भारतीय नागरिक ठिकानों पर गोले बरसाकर ही मनाई हैं। इस बार तो यह ‘जश्न’ कुछ ज्यादा ही लंबा हो गया है क्योंकि 20 दिनों से एलओसी और आईबी पर गोले बरसना बंद नहीं हुए हैं।
 
पिछले 24 घंटों से पुंछ के कई इलाकों को पाक सेना ने तोपों के गोलों से पाट दिया है। जवाबी कार्रवाई भी बराबरी की ही है। हालांकि इस ओर से दावा हमेशा पाक सेना के ठिकानों पर सटीक निशाने लगाने का ही रहा है। यह सच है कि उस पार त्राहि-त्राहि का माहौल है।
दर्दभरी दास्तानें इस ओर भी हैं। तभी तो नया वर्ष जम्मू कश्मीर के उन वाशिंदों के लिए कोई खुशी नहीं लाया है जो पिछले 20 दिनों से अपने घरों में इसलिए दुबके बैठे हैं क्योंकि पाक सेना के तोपखाने उन पर आग बरसा रहे हैं। एलओसी के कई सेक्टरों में पाक गोलाबारी उन्हें घरों के अंदर दुबकने को मजबूर कर रही है। हालत यह है कि इस अरसे में गोलाबारी का मुहंतोड़ जवाब तो दिया जा रहा है पर बेशर्म पाक सेना हर जख्म पर और ज्यादा बिफरते हुए हमलों को तेज कर रही है।
 
यही नहीं एलओसी तथा इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तान की घुसपैठ करवाने की कोशिशें स्पष्ट संकेत हैं कि वह सीमा पर हालात खराब करने के मौके तलाश रहा है। ऐसे में आईबी पर सीमा सुरक्षाबल व एलओसी पर सेना कड़ी चौकसी बरत रही है।
नए वर्ष के साथ ही गोलाबारी शुरू कर पाकिस्तान ने स्पष्ट संकेत दे दिया था कि इस साल भी पाकिस्तान सीमा पर खून-खराबा करने से बाज नहीं आएगा। अब तक इस गोलाबारी में किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
 
5246 बार तोड़ा संघर्षविराम : बीते वर्ष में पाकिस्तान ने 5246 बार गोले दागकर संघर्ष विराम तोड़ते हुए सीमा पर खून बहाया। यह संख्‍या पिछले 16 सालों से सबसे ज्यादा थी। वर्ष 2018 के मुकाबले सीमा पर पाकिस्तान की गोलाबारी में तीन गुणा बढ़त दर्ज हुई है। पिछले साल संघर्ष विराम के मामलों में प्रदेश में दर्जनें लोगों की मौतें हुईं व 250 के करीब लोग घायल हुए, जबकि वर्ष 2017 में सीमा पर संघर्ष विराम के 971 मामलों में 19 सुरक्षाकर्मियों समेत 31 लोग मारे गए व 151 घायल हुए थे।
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