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Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 9 जून 2018 (07:49 IST)

फर्जी वोटर मामले में कांग्रेस को झटका, चुनाव आयोग ने खारिज की शिकायत

फर्जी वोटर मामले में कांग्रेस को झटका, चुनाव आयोग ने खारिज की शिकायत - election commission reject congress complaint of fake voters
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश में मतदाता सूचियों में भारी पैमाने पर गड़बड़ी होने की कांग्रेस की शिकायत को जांच के बाद गलत बताया है। 
 
आयोग की ओर से कांग्रेस को भेजी गई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि शिकायत के आधार पर गठित जांच दलों ने राज्य के चार विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूचियों का निरीक्षण किया, जिनमें गड़बड़ी जैसी कोई कोई बात नहीं मिली है।
 
आयोग ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा गत तीन जून को की गई शिकायत में वर्णित गड़बड़ी वाले विधानसभा क्षेत्रों नरेला, होशंगाबाद, भोजपुर और सिओनी मालवा में मतदाता सूचियों की विस्तृत जांच कराई।
 
इनमें से सिवनी मालवा क्षेत्र में 17 मतदान केन्द्रों की 82 सूचियों में से किसी में भी मतदाताओं के नाम का एक से अधिक बार उल्लेख नहीं पाया गया। जबकि इसी विधानसभा क्षेत्र के 20 मतदान केन्द्रों की मतदाता सूचियों में 2442 नाम मिलते जुलते पाए गए। इसकी जांच में 2397 नाम सही पाए गए जबकि 45 नामों को संबद्ध मतदाता की मौत या स्थानांतरण के कारण मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया चल रही है। 
 
इसी तरह नरेला विधानसभा क्षेत्र की शिकायत में मतदाता सूची के 22252 नामों में से 17684 मतदाताओं के मामले अनूठे पाए गए। इनमें से 1776 मामलों में मतदाता के नाम और उसके रिश्तेदार के नाम एक ही पाए गए। इनमें से 154 मामलों की जांच में 153 मामले सही पाए गए। 
 
रिपोर्ट के अनुसार जांच दल ने होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र की शिकायत में वर्णित 552 मामलों की जांच की जिसमें एक भी मतदाता का नाम मतदाता सूची में अनेक बार दर्ज होने की पुष्टि नहीं हुई। वहीं भोजपुर में शिकायत वाले 36 मामलों की जांच में 29 के नाम सही पाए गए जबकि सात मामलों को मतदाता सूची दुरुस्त करने की प्रक्रिया के तहत सही कर लिया जाएगा।
 
आयोग ने विस्तृत जांच के आधार पर निष्कर्ष के तौर पर कहा कि इन चारों विधानसभा क्षेत्रों में एक ही मतदाता का नाम मतदाता सूची में कई बार दर्ज होने के मामलों की बहुतायत होने की शिकायत सही नहीं है। जबकि एक ही तस्वीर वाले अनेक मतदाता पाए जाने की शिकायत को आयोग ने यह बताते हुए सही नहीं पाया कि यह एक ही मतदाता का सूची में बार बार उल्लेख का मामला नहीं है। बल्कि यह महज एक ही फोटो के अनेक बार उपयोग का मामला है जिसे ठीक करने के लिए कह दिया गया है।
 
आयोग ने फर्जी मतदाता सूची की शिकायत पर कहा कि मध्य प्रदेश में जनसंख्या के हिसाब से मतदाताओं की हिस्सेदारी साल 2008 में 52.76 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 61.45 प्रतिशत हो गई है। इसलिए जनसांख्यकीय आंकड़ों के आधार पर मतदाता सूचियों को अपडेट किया गया है। इस आधार पर इसे फर्जी मतदाता सूची का मामला नहीं माना जा सकता है।
 
आयोग ने शिकायत के विभिन्न आधारों की पुख्ता जांच के बाद इन्हें खारिज करते हुए कांग्रेस से इस तरह की आशंकाएं पाए जाने पर भविष्य में भी सूचित करने का आग्रह किया जिससे शंकाओं का तत्काल समाधान किया जा सके। (भाषा) 
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