• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. do chargers use electricity when not charging
Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 25 जून 2025 (17:01 IST)

मोबाइल चार्जर का प्लग ऑफ नहीं करने से तेजी से भागता है आपका मीटर, करोंड़ों की बिजली हो रही है बर्बाद

does a charger use electricity when plugged in
do chargers use electricity when not charging: क्या आपने कभी सोचा है कि आपके घर का बिजली का मीटर क्यों बेतहाशा दौड़ता है! भले ही आप सभी बड़े उपकरण बंद कर दें लेकिन फिर भी बिजली का मीटर तेजी से भागता है? इसका एक बड़ा कारण आपकी एक छोटी सी आदत हो सकती है; मोबाइल चार्जर को सॉकेट में लगा हुआ छोड़ देना। जी हां, आपका नन्हा सा मोबाइल चार्जर, जिसे आप अक्सर अनदेखा कर देते हैं, बिजली की बर्बादी का एक बड़ा कारण बन सकता है। चिंता की बात ये है कि इस छोटी सी भूल से साल भर में देश की 22 करोड़ यूनिट बिजली बर्बाद हो रही है।

क्या है घोस्ट लोड और स्टैंडबाय पावर
जब आप अपने मोबाइल फोन को चार्जर से हटा लेते हैं, लेकिन चार्जर का प्लग स्विच बोर्ड में लगा छोड़ देते हैं, तो वह 'घोस्ट लोड' या 'स्टैंडबाय पावर' का उपभोग करता रहता है। इसका मतलब है कि चार्जर चुपचाप बिजली खींचता रहता है, भले ही वह किसी डिवाइस को चार्ज न कर रहा हो। यह वैंपायर एनर्जी की तरह है जो आपके बिजली के बिल को बढ़ाती है और राष्ट्रीय स्तर पर भारी बर्बादी का कारण बनती है।

कल्पना कीजिए, भारत में करोड़ों मोबाइल फोन उपयोगकर्ता हैं। यदि उनमें से अधिकांश लोग अपने चार्जर को प्लग-इन छोड़ देते हैं, तो यह छोटी-छोटी खपत मिलकर एक विशालकाय आंकड़ा बन जाती है। अनुमान है कि  सिर्फ इस एक आदत की वजह से सालभर में 22 करोड़ यूनिट बिजली बर्बाद होती है। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है और सोचने पर मजबूर करता है कि हम कितनी बड़ी लापरवाही कर रहे हैं।
 
देश उठा रहा है 220 करोड़ रुपये का सालाना नुकसान
सिर्फ 22 करोड़ यूनिट बिजली की बर्बादी ही नहीं, इसकी एक भारी-भरकम वित्तीय कीमत भी चुकानी पड़ती है। जितनी बिजली चार्जर का प्लग ऑफ करना भूलकर बर्बाद करते हैं उसकी सालाना कीमत करीब 220 करोड़ रुपए होती है। सोचिए, यह कितनी बड़ी राशि है जिसे हम अपनी छोटी सी लापरवाही के कारण खो रहे हैं। इस पैसे का उपयोग देश के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा या नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में किया जा सकता था।

यह सिर्फ पैसों का मामला नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण पर भी गहरा असर डालता है। बिजली उत्पादन के लिए अक्सर जीवाश्म ईंधन का उपयोग किया जाता है, जिससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है। जितनी अधिक बिजली बर्बाद होगी, उतना ही अधिक उत्सर्जन होगा, जो जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देगा।

एक छोटी सी आदत से करिए उर्जा और पैसे की बचत
यह समस्या जितनी बड़ी दिखती है, इसका समाधान उतना ही आसान है। जब आप अपने मोबाइल को चार्ज कर लें, तो चार्जर का प्लग स्विच बोर्ड से निकालना न भूलें। यह एक छोटी सी आदत है जिसे अपनाना बेहद आसान है। इसके लिए किसी विशेष उपकरण या तकनीक की आवश्यकता नहीं है। अपने परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों को भी इस बारे में जागरूक करें। उन्हें बताएं कि मोबाइल चार्जर का प्लग ऑफ नहीं करने से तेजी से भागता है मीटर और इससे कितनी बिजली बर्बाद होती है। सामूहिक प्रयासों से ही हम इस समस्या पर काबू पा सकते हैं।

ऊर्जा संरक्षण केवल सरकार या बड़ी कंपनियों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हम सभी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। तो, अगली बार जब आप अपने मोबाइल को चार्जर से हटाएं, तो याद रखें: प्लग ऑफ करना न भूलें! यह एक छोटा सा कदम है जो बड़ा बदलाव ला सकता है और सालभर में करोड़ों यूनिट बिजली बर्बाद होने से बचा सकता है।
ये भी पढ़ें
CBSE का बड़ा निर्णय, साल में 2 बार होंगी class 10 एक्जाम, पहली बार फरवरी तो दूसरी बार मई में एग्जाम