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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 4 फ़रवरी 2020 (09:52 IST)

शाहीन बाग के बंद रास्ते के सहारे दिल्ली में जीत का रास्ता तलाशने में जुटी भाजपा ?

शाहीन बाग के बंद रास्ते के सहारे दिल्ली में जीत का रास्ता तलाशने में जुटी भाजपा ? - Delhi Vidhansabha Election : BJP Trying to Benefit from Shaheen Bagh
दिल्ली विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में अब पूरी लड़ाई शाहीन बाग पर आकर टिक गई है। अपने लिए शाहीन बाग को गेमचेंजर मानने वाली भाजपा का पूरा चुनाव प्रचार शाहीन बाग पर टिक गया है। पार्टी के रणनीतिक शायद ये मान बैठे हैं कि शाहीन बाग का वह बंद रास्ता ही उनके लिए दिल्ली चुनाव में जीत के रास्ते खोलेगा।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी चुनावी रैलियों में शाहीन बाग का मुद्दा जोर-शोर से उठाकर एक तरह से वोटरों के ध्रुवीकरण की कोशिश में जुटे हुए दिखाई दे रहे हैं।
 
सोमवार को दिल्ली में अपनी पहली चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि शाहीन बाग संयोग नहीं, एक प्रयोग है।
 
उन्होंने CAA के विरोध में प्रदर्शन करने वालों को निशाने पर लेते हुए कहा कि इससे साजिश करने वालों की ताकत बढ़ेगी। कल कोई और रास्ता बंद होगा तथा किसी और गली में रोका जाएगा। प्रधानमंत्री ने शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शन के पीछे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजाइन है, जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने के इरादे रखता है।
अपने चुनाव प्रचार में भाजपा शाहीन बाग का ट्रंप कार्ड खेलकर पूरे चुनाव को ध्रुवीकरण की ओर मोड़ने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। हिन्दुत्व के फायर ब्रांड नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाहीन बाग को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि पाकिस्तान के मंत्री इसलिए केजरीवाल का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि केजरीवाल शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को बिरयानी खिला रहे हैं। 
 
अभी दिल्ली में चुनाव प्रचार में 3 दिन का समय बाकी है और इस दौरान भाजपा की पूरी कोशिश होगी कि कैसे शाहीन बाग के सहारे वह वोटरों का ध्रुवीकरण कर दिल्ली की चुनावी हवा को बदल दे। अगर भाजपा की शाहीन बाग को लेकर बनी चुनावी रणनीति कामयाब हो गई तो दिल्ली के चुनाव परिणाम चौंकाने वाले भी हो सकते हैं।