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Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 12 जनवरी 2015 (23:43 IST)

दिल्ली में विधानसभा चुनाव 7 फरवरी को

दिल्ली में विधानसभा चुनाव 7 फरवरी को - Delhi
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सोमवार को दिल्ली में सात फरवरी को विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की। इस चुनाव को भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच सीधी टक्कर के रूप में देखा जा रहा है।
 
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए वोटों की गिनती का काम 10 फरवरी को होग। दिल्ली में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है। चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई।
 
मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 14 जनवरी को जारी की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 जनवरी होगी। इसके अगले दिन नामांकन पत्रों की जांच होगी और 24 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 
 
संवाददता सम्‍मेलन में चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा एवं नसीम जैदी भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि दिल्ली की नई विधानसभा चुनने के लिए कुल 13085251 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। यहां कुल 11763 मतदान केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा की 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
 
एक सवाल के जवाब में संपत ने कहा कि इस अवधि के दौरान चूंकि देश के किसी अन्य भाग में चुनाव नहीं हो रहा है, इसलिए सभी राजनीतिक दलों का फोकस दिल्ली के विधानसभा चुनाव पर होगा, लिहाजा यहां धुआंधार और गर्मागर्म राजनीतिक प्रचार होने की उम्मीद है। 
 
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने दिल्ली में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पूरे उपाय किए हैं और धनबल के इस्तेमाल को रोकने के लिए सभी उपाय किए जाएंगे। 
 
दिल्ली में पिछला विधानसभा चुनाव दिसंबर 2013 में हुआ था लेकिन इस चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिला। 31 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को मात्र आठ सीटें हासिल हुई थीं।
 
आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई लेकिन यह सरकार 49 दिन ही चली और केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया और उसके बाद यहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।
 
चुनाव की घोषणा और नामांकन की तिथि के बीच एक महीने का भी समय नहीं दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर संपत ने कहा कि तीन सप्ताह की अधिकतम सीमा है लेकिन इस अवधि को घटाकर दो हफ्ता या एक हफ्ता भी किया जा सकता है। ज्यादा समय देना जरूरत से ज्यादा रस्म होगा क्योंकि लोग लंबे समय से चुनावों का अनुमान लगा रहे थे।
 
चुनाव आयुक्त ब्रह्मा ने कहा कि चुनाव के लिए प्रचार पंद्रह दिन पहले ही शुरू हो गया था और इसलिए प्रचार के लिए अब और ज्यादा समय की जरूरत नहीं है। इस चुनाव के लिए मतदाता सूची का प्रकाशन पांच जनवरी को हो चुका है और मतदाता सूची में नामों का दोहराव या चित्रों का दोहराव जैसी त्रुटियों को काफी हद तक दूर कर लिया गया है। अनुपूरक मतदाता सूची नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन 21 जनवरी को प्रकाशित की जाएगी।
 
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चूंकि दिल्ली एक महानगर है इसलिए आयोग चुनाव में धनबल के इस्तेमाल पर अतिरिक्त सावधानी बरतेगा और पर्याप्त संख्या में व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया जाएगा।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या ऑटो रिक्शा पर चुनावी विज्ञापन की इजाजत होगी उन्होंने कहा कि यह मामला अदालत में लंबित है। उन्होंने यह भी बताया कि नई दिल्ली और छावनी निर्वाचन क्षेत्र में वीवीपीएटी यानी वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल की व्यवस्था लागू की जाएगी। (भाषा)