अमरनाथ में रातभर चला रेस्क्यू ऑपरेशन, 15,000 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
नई दिल्ली/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ के चलते फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को यहां निचले आधार शिविर पंजतरणी स्थानांतरित कर दिया गया है।
आईटीबीपी के प्रवक्ता ने बताया कि आईटीबीपी ने पवित्र गुफा के निचले हिस्से से पंजतरणी तक जाने वाले मार्ग में लगे दलों की संख्या भी बढ़ा दी है।
दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ के गुफा मंदिर के पास अचानक आई बाढ़ में 15 लोगों की जान चली गई और तंबू व सामुदायिक रसोई में पानी भर गया। 30 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा को इस त्रासदी के बाद स्थगित कर दिया गया है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कल शाम आई बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश यात्रियों को पंजतरणी में स्थानांतरित कर दिया गया है। निकासी अभियान तड़के 3.38 बजे तक चला।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता ने कहा कि रास्ते में कोई यात्री नहीं है। अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि अर्धसैनिक बल के डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों ने बाढ़ में गंभीर रूप से घायल 9 मरीजों का इलाज किया। उन्होंने कहा कि उन्हें कम ऊंचाई वाले नीलग्राथ आधार शिविर पहुंचाया गया है।
पवित्र गुफा से आने वाले तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए नीलग्राथ हेलीपैड पर बीएसएफ की एक छोटी टीम भी तैनात है।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात पंजतरणी में बनाए गए बीएसएफ शिविर में करीब 150 यात्री रुके थे और शनिवार सुबह 15 मरीजों को हवाई मार्ग के जरिये बालटाल पहुंचाया गया।