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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 30 सितम्बर 2016 (17:29 IST)

केवल बजट आवंटन से नहीं बन सकता है स्वच्छ भारत : नरेन्द्र मोदी

Clean India campaign
नई दिल्ली। उपनिवेशवादी शासन के खिलाफ महात्मा गांधी के सत्याग्रह का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को 'स्वच्छ भारत' के लिए सत्याग्रह आंदोलन चलाने की वकालत की और कहा कि केवल बजटीय आवंटन कर देने भर से 'स्वच्छ भारत' को हासिल नहीं किया जा सकता है।
सड़कों एवं अन्य स्थानों पर कचरे की तस्वीरें जारी करके उनके द्वारा शुरू किए गए 'स्वच्छ भारत अभियान' के विफल होने का दावा करने वालों पर चुटकी लेते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात से संतोष है कि कम से कम साफ-सफाई के बारे में लोगों में अब जागरूकता तो पैदा हुई है।
 
'स्वच्छ भारत' अभियान के 2 वर्ष पूरे होने पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान के बाद मुझसे सड़कों पर फैले कचरे के बारे में अक्सर सवाल पूछे जाते थे लेकिन मुझे इससे कोई समस्या नहीं है, क्योंकि कम से कम अपने आसपास साफ-सफाई के बारे में लोगों की जागरूकता स्वागतयोग्य संकेत है। 
 
स्वच्छता की तुलना देवत्व से करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धार्मिक स्थलों पर कचरे को कम्पोस्ट में बदला जाना चाहिए। लोग जहां कचरे के ढेर को नापसंद करते हैं, वहीं उन्होंने साफ-सफाई को अपनी आदत नहीं बनाया है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता का मुद्दा राजनीतिकों के लिए आसान काम नहीं है। हर दूसरे साल देश के किसी न किसी हिस्से में चुनाव होते हैं। राजनीतिक नेता और राजनीतिक पार्टी जो अगले चुनाव की तैयारी में लगे होते हैं, उनके लिए स्वच्छता के मुद्दे को लेना काफी साहस की बात होती है, क्योंकि कचरे के ढेर का कोई भी चित्र उनके लिए समस्या पैदा कर सकता है। 
 
मोदी ने कहा कि कचरे को पुनर्चक्रण के जरिए धन और रोजगार पैदा करने का माध्यम बनाया जा सकता है, तब स्वच्छता इस तरह से बाईप्रोडक्ट बन जाएगा। यह विरोधाभास है कि लोगों को कचरे का ढेर पसंद नहीं है लेकिन वे स्वच्छता को अपनी आदत नहीं बना पाए हैं। ऐसी आदत बनाना जरूरी है। एक बार समाज कचरे को धन के रूप में परिवर्तित करना सीख लेगा तब स्वच्छता बाईप्रोडक्ट बन जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि बच्चे साफ-सफाई के बारे में ज्यादा सजग हो रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि 'स्वच्छ भारत' अभियान लोगों के जीवन को छू रहा है। शहरों के बीच भी साफ-सफाई और अपने शहरों को साफ रखने के लिए प्रतिस्पर्धा हो रही है।
 
मीडिया की सकारात्मक भूमिका की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कभी कोई योजना पेश करें तो मीडिया आमतौर पर पहले पहल उसे संदेह की नजर से देखता है लेकिन 'स्वच्छ भारत' अभियान का मुझसे भी अधिक प्रचार मीडिया ने किया। इस मामले में संदेश फैलाने के संदर्भ में मीडिया की भूमिका सराहनीय रही है।
 
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छता कोई ऐसी चीज नहीं है, जो केवल बजटीय आवंटन से हासिल की जा सके। यह ऐसी चीज है, जो जन आंदोलन के जरिए हकीकत बन सकती है। (भाषा)
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