पेंशन कानून में बदलाव, जानिए क्या होता था 50 साल पुराने कानून में
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पेंशन से जुड़े 50 साल पुराने कानून में बदलाव कर पेंशनरों के परिवारों को राहत दी है। सरकार ने कहा है कि पेंशनर की हत्या से जुड़े मामलों में पारिवारिक पेंशन निलंबित नहीं की जाएगी। यह पेंशन परिवार के पात्र सदस्य को तुरंत उपलब्ध करवाई जाएगी।
सरकार ने पेंशन से जुड़ा 50 साल पुराना कानून 16 जून से बदल दिया है। दरअसल, 1972 में आए कानून के बाद पेंशनर की हत्या के मामले बढ़ने लगे थे। लोग पेंशन के लिए पति, मां या बच्चों की हत्या कर रहे थे। इन मामलों के चलते सरकार ने सरकार ने पारिवारिक पेंशन को कानूनी फैसला होने तक के लिए निलंबित कर दिया था। इससे पात्र सदस्य को पेंशन मिलने में काफी देरी होती थी।
इस कानून के मुताबिक अगर किसी आरोपी का गुनाह सिद्द नहीं होता या उसकी सजा पूरी हो जाती थी तो पेंशन फिर से शुरू कर दी जाती थी। आरोपी के दोषी होने की स्थिति में पेंशन परिवार के अगले पात्र सदस्य के नाम कर दी जाती थी। अब चूंकि केन्द्र सरकार ने नियम बदल दिया है, अत: अब इस मामले में देर नहीं होगी।