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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 17 जुलाई 2023 (16:23 IST)

विपक्षी पार्टियों को डराने की कोशिश कर रही है केन्द्र सरकार : केजरीवाल

विपक्षी पार्टियों को डराने की कोशिश कर रही है केन्द्र सरकार : केजरीवाल - Center trying to intimidate opposition parties: Kejriwal
Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी और उनके बेटे एवं सांसद गौतम सिगमनी के परिसरों में की गई प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी की निंदा की। उन्होंने केंद्र पर पार्टियों को तोड़ने और डराने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
 
ईडी ने कथित अवैध खनन से जुड़े धन शोधन मामले में सोमवार को पोनमुडी और उनके बेटे के कई परिसरों पर छापेमारी की। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के खिलाफ ईडी की छापेमारी की हम कड़ी निंदा करते हैं।
 
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ईडी की मदद से सभी पार्टियों को तोड़ने और डराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप ईडी के जरिए भारत जैसे महान राष्ट्र को डरा या नियंत्रित नहीं कर सकते।
 
खरगे का आभार जताया : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली अध्यादेश आप का समर्थन करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का सोमवार को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर जी जान से लड़ना चाहिए।
 
केजरीवाल का यह बयान तब आया है जब सोमवार को बेंगलुरु में 26 विपक्षी दलों की दो दिवसीय अहम बैठक होने वाली है जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बाहर करने की संयुक्त रणनीति का एजेंडा तय किया जाएगा।
 
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने ट्वीट किया कि दिल्ली के लोगों का साथ देने के लिए शुक्रिया खरगे जी। यह अध्यादेश भारत विरोधी और राष्ट्र विरोधी है तथा इससे जी जान से लड़ना होगा। भाजपा नीत केंद्र सरकार मई में दिल्ली में नौकरशाहों के तबादले और तैनाती पर अध्यादेश लेकर आई थी, जिससे उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का प्रभाव खत्म हो गया था, जिसमें सेवाओं पर नियंत्रण निर्वाचित सरकार को दिया गया था।
 
अध्यादेश में दानिक्स कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही और तबादलों के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान है। उच्चतम न्यायालय के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के तबादले और तैनाती का शासकीय नियंत्रण उपराज्यपाल के पास था। (एजेंसी/वेबदुनिया) 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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