• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. center and state should not protect any self appointed civic :
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 21 जुलाई 2017 (14:43 IST)

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा, स्वयंभू गोरक्षकों को संरक्षण नहीं दें

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा, स्वयंभू गोरक्षकों को संरक्षण नहीं दें - center and state should not protect any self appointed civic :
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने स्वयंभू गोरक्षकों की हिंसा की घटनाओं के संदर्भ में केंद्र एवं राज्यों से शुक्रवार को कहा कि वे किसी भी स्वयंभू गोरक्षकों को संरक्षण नहीं दें। न्यायालय ने गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा की घटनाओं पर उनसे जवाब मांगा है।
 
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एम शांतानागौदर की तीन सदस्यीय खंडपीठ को केन्द्र ने सूचित किया कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है लेकिन वह देश में गोरक्षा के नाम पर किसी भी प्रकार की गतिविधियों का समर्थन नहीं करता।
 
पीठ ने कहा, 'आपका कहना है कि कानून-व्यवस्था राज्य के अधीन है और राज्य कानून के अनुसार कदम उठा रहे हैं। आप किसी प्रकार के स्वयंभू रक्षक समूह का समर्थन नहीं करते।' न्यायालय ने सोशल मीडिया पर अपलोड की गई गोरक्षा के नाम पर हिंसक सामग्री को हटाने के लिए केंद्र एवं राज्यों से सहयोग मांगा।
 
सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा, 'कानून-व्यवस्था राज्य के अधीन है और केंद्र सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है, लेकिन केंद्र का मानना है कि कानून की प्रक्रिया के अनुसार देश में किसी भी स्वंयभू गोरक्षक समूह का कोई स्थान नहीं है।' भाजपा शासित गुजरात एवं झारखंड की ओर से पेश वकील ने न्यायालय को सूचित किया कि स्वयंभू गोरक्षा संबंधी हिंसक गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की गई है।
 
पीठ ने उनका बयान दर्ज किया और केंद्र एवं अन्य राज्यों को हिंसक घटनाओं के संबंध में अपनी रिपोर्ट चार सप्ताह में दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए छह सितंबर की तारीख तय की है।
 
इससे पहले, न्यायालय ने पिछले साल 21 अक्टूबर को दायर याचिका पर छह राज्यों से सात अप्रैल को जवाब मांगा था। इस याचिका में कथित गोरक्षा समूहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है जो कथित रूप से हिंसा कर रहे हैं और दलितों एवं अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहे हैं।
 
सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन ए पूनावाला ने अपनी याचिका में कहा है कि इन गोरक्षा समूहों द्वारा की जाने वाली कथित हिंसा इस हद तक बढ़ गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन लोगों के बारे में कहा था कि वे समाज को नष्ट कर रहे हैं। (भाषा) 
ये भी पढ़ें
केरल के माकपा कार्यालय में लगाई आग