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  4. Bharatbodh is the identity of Sanatan: Dr. Krishna Gopal Mishra
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Last Updated : मंगलवार, 26 जुलाई 2022 (17:48 IST)

सनातन की पहचान है भारतबोध : डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र

mishra
भारतवर्ष की पांच हजार वर्ष से अधिक पुरानी विरासत को जानना और समझना ही भारत बोध है। भौगोलिक दृष्टि से भारतीय सीमाओं के साथ-साथ चार धाम, बारह ज्योतिर्लिंग और बाबन शक्तिपीठों को जाने बिना हम भारत के भूगोल को नहीं समझ सकते। यहां के पर्वतों, नदियों और महान तीर्थों की यात्रा भारत-बोध का प्रमुख भौगोलिक आयाम है।

भारतीय वीरों की लंबी यशगाथा इतिहास के पृष्ठों में भारत बोध कराती है। सब जीवों में एक ही चेतना का दर्शन, शस्त्र और शास्त्र का विवेक पूर्ण उपयोग, देश की मिट्टी के प्रति मातृभाव, स्वाधीनता और स्वाभिमान के साथ वैचारिक गतिशीलता भारतबोध के सांस्कृतिक पक्ष हैं।

ये विचार शासकीय एमजीएम कॉलेज इटारसी में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र विभागाध्यक्ष हिन्दी शासकीय नर्मदा महाविद्यालय नर्मदापुरम् ने व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। प्राचार्य डॉ. राकेश मेहता ने स्वागत उदबोधन दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संतोष अहिरवार और आभार प्रदर्शन प्रोफेसर ओ.पी. शर्मा ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. रश्मि तिवारी, डॉ. अरविंद शर्मा, डॉ. पवन अग्रवाल आदि प्राध्यापकों सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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