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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 2 मई 2025 (17:38 IST)

मौसम की मार, 19 सालों में भारत में 35000 लोगों की हुई मौत

Between 2001 and 2019
Study on heat and cold : एक नए अध्ययन में पाया गया है कि 2001 से 2019 के बीच अत्यधिक गर्मी और सर्दी के कारण भारत में कम से कम 35000 लोगों की जान चली गई। अध्ययन के अनुसार अनुमान है कि सिर्फ 2015 में लू लगने के कारण 1,907 और ठंड के कारण 1,147 लोगों की मृत्यु हो गई। विश्लेषण के लिए आंकड़े अन्य डेटासेट के अलावा भारत मौसम विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो से लिया गया। 'टेम्परेचर' नामक पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चलता है कि लू और ठंड के कारण मौतों में वृद्धि हो रही है।
 
हरियाणा के ओ पी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक प्रदीप गुइन ने कहा कि अत्यधिक तापमान के कारण होने वाली मौतों को टाला जा सकता है और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के उपाय किए जाने की आवश्यकता है। गुइन ने कहा, इस साल देश के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ने का अनुमान है तथा दुनिया के गर्म होने के साथ-साथ दुनियाभर में प्रतिकूल मौसम की घटनाएं बढ़ रही हैं, इसलिए चरम तापमान के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा उनके प्रभाव को कम करने के लिए उपाय करने में और अधिक देरी नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, सहायता प्रणालियां मौजूद हैं, लेकिन और अधिक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। अत्यधिक तापमान के कारण होने वाली मौतें कामकाजी आयु के पुरुषों में अधिक आम पाई गईं। शोधकर्ताओं ने बताया कि 2001-2019 की अध्ययन अवधि के दौरान महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अत्यधिक गर्मी के कारण मृत्यु दर तीन से पांच गुना अधिक थी, जबकि अत्यधिक ठंड के कारण मृत्यु दर चार से सात गुना अधिक थी।
 
राज्यवार देखा जाए तो आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पंजाब में लू के कारण सबसे अधिक मौतें दर्ज की गईं, जबकि अत्यधिक ठंड के कारण सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश, पंजाब और बिहार में हुईं। अध्ययन के अनुसार 2001 से 2019 के बीच भारत में लू और ठंड के कारण क्रमशः 19,693 और 15,197 मौतें हुईं। गुइन ने कहा, शीतऋतु के दौरान होने वाली मौतों की तुलना में लू के कारण होने वाली मौतें अधिक हैं।
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट की सह-लेखिका नंदिता भान ने कहा कि परिणामों से संवेदनशील राज्यों के लिए गर्मी और ठंड से निपटने की कार्ययोजना की तत्काल आवश्यकता उजागर होती है। भान ने कहा कि भारत में कई राज्य गर्मी से निपटने की कार्ययोजनाएं तैयार कर रहे हैं जो नवीन पहल के माध्यम से राहत प्रदान कर सकती हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour