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Last Modified: शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2018 (17:27 IST)

केजरीवाल के विधायक बोले, ऐसे अधिकारियों को तो ठोंकना चाहिए...

केजरीवाल के विधायक बोले, ऐसे अधिकारियों को तो ठोंकना चाहिए... - Arvind Kejriwal, Naresh Bialyan, Disputed Statement
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में मुख्यमंत्री आवास पर कथित बदसलूकी और मारपीट को लेकर राजधानी की राजनीति उबाल पर है। वहीं इसी बीच आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक नरेश बालियान के भड़काऊ बयान से मामला आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है।
 
 
उत्तम नगर में एक रैली को शुक्रवार को संबोधित करते हुए बालयान ने मुख्य सचिव पर झूठ बोलने का आरोप तो लगाया ही। साथ ही बदसलूकी और मारपीट की घटना को सही बताते हुए जनता के काम में रोड़ा अटकाने वाले अधिकारियों के साथ ऐसा ही सलूक करने और उन्हें 'ठोकने' की बात कही।
 
उन्होंने कहा कि जो चीफ सेक्रटरी के साथ हुआ, उन्होंने जो झूठा आरोप लगाया, मैं तो कह रहा हूं कि ऐसे अधिकारियों को ठोंकना चाहिए, जो आम आदमी के काम रोक कर बैठे हैं। ऐसे अधिकारियों के साथ यही सलूक होना चाहिए। 
बालयान ने कहा कि मुख्यमंत्री के पारदर्शी तरीके से काम करने की वजह से अधिकारियों की कमीशन बंद हो गई। इससे अधिकारी जो फाइल तीन दिन में पास हो जानी चाहिए उसमें कई-कई महीने लगाए जाते हैं और जनता के काम में रोड़े अटकाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि जनता के काम में बाधा डालने वालों के साथ ऐसा ही सलूक होना चाहिए।
 
जमानत याचिका खारिज : इस मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री निवास पर जाकर जांच पड़ताल की है। इस मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के दो विधायकों अमानतुल्ला खां और प्रकाश जरवाल की जमानत याचिका खारिज हो गई है। दोनों 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं। पार्टी नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन कर मुख्यमंत्री निवास पर पुलिस कार्रवाई की निंदा की है और शनिवार को देशभर में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
 
नहीं है सीसीटीवी कैमरा : दिल्ली पुलिस ने कहा है जिस कमरे में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से कथित बदसलूकी हुई है उसमें कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। मुख्य सचिव के साथ सोमवार मध्य रात्रि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर कथित बदसलूकी मामले की जांच पडताल के सिलसिले में दिल्ली पुलिस आज उनके आवास पहुंची और साक्ष्यों को खंगाला।
 
पुलिस उपायुक्त उत्तर हरेन्द्र कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस कमरे में यह घटना हुई है उसमें कोई कैमरा नहीं था। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री आवास परिसर में 21 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं जिनमें से 14 ही चालू हैं और सात की रिकार्डिंग बंद है। कैमरे 40 मिनट पीछे चल रहे हैं। सिंह ने बताया कि 21 सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग और हार्ड डिस्क जब्त की गई है। (एजेंसियां)
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