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Last Modified: सोमवार, 24 जुलाई 2017 (20:48 IST)

अरुण जेटली बोले, राजनीतिक चंदे के लिए बनेगा कानून...

अरुण जेटली बोले, राजनीतिक चंदे के लिए बनेगा कानून... - Arun Jaitley, political donation
नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि राजनीतिक चंदे को लेकर कानून बनाने की तैयारी चल रही है और यदि इस पर आम सहमति नहीं बनेगी तो सरकार कानून बनाएगी। जेटली ने आयकर कानून के 157 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर यहां आयोजित आयकर दिवस समारोह, 2017 में कहा कि कालेधन के विरुद्ध जारी अभियान के तहत पिछले वर्ष कई उपाय किए गए। अब राजनीतिक चंदे की बारी है और इसके लिए आम सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। लेकिन, यदि ऐसा नहीं होगा तो सरकार अपने स्तर पर कानून बनाएगी। 
 
उन्होंने कहा कि कर नियमों का पालन नहीं करने के लिए स्टैंडर्ड प्रक्रिया अपना रहे हैं और इसके लिए फर्जी कंपनियों का सहारा लिया जा रहा है। अब इसमें राजनेता भी शामिल हो गए हैं। गोपनीयता के नाम पर कर नियमों का अनुपालन नहीं करने का बहाना नहीं चलेगा। कर चुकाना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। करदाता आधार बढ़ाने, भ्रष्टाचार मिटाने और ईमानदार करदाताओं को पुरस्कृत करने के लिए कई उपाय किए गए हैं।
 
जेटली ने कहा कि अधिकाधिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है ताकि ईमानदार करदाता अपने घर से ही सभी प्रक्रियाएं पूरी कर सके और जो लोग कर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उन पर शिंकजा कसा जा सके। उन्होंने कहा कि अब लोगों की सोच में भी बदलाव आ रहा है और अधिकांश लोगों का मानना है कि किसी को छूट क्यों दी जाए। कर राष्ट्रीय हित में लगाया जाता है जिसमें रक्षा से लेकर विकास तक के लिए धनराशि की जरूरत होती है। कर चुकाना राष्ट्रभक्ति है। 
 
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेज गति बढ़ रही अर्थव्यवस्था है और ग्रामीण क्षेत्र, सड़क सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए धनराशि की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आयकर इस देश के लिए कभी लोकप्रिय विषय नहीं रहा है, लेकिन अब लोगों की सोच बदलने लगी है। उन्होंने कहा कि 157 वर्ष पूर्व तीन प्रतिशत आयकर लगाया था और उस समय 30 लाख रुपए की वसूली हुई थी। चालू वित्त वर्ष में इसके बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपए के आसपास पहुंचने का अनुमान है। 
 
इस मौके पर जेटली ने आयकर विभाग के अधिकारियों को सम्मानित किया और विभाग पर जारी एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। इस दौरान वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार, राजस्व सचिव हसमुख अधिया और केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष सुशील चंद्रा भी मौजूद थे। आज ही के दिन 157 वर्ष पूर्व देश में पहली बार आयकर काननू लागू हुआ था और उसी दिन से यह विभाग काम कर रहा है। (वार्ता)
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