जेटली ने साधा कांग्रेस पर निशाना, डूबते राजवंश को बचाने के लिए कितने झूठ बोलोगे
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ब्लॉग में लिखा, 'आखिर एक डूबते राजवंश को बचाने के लिए कितने झूठ बोलने पड़ेंगे?'
उन्होंने कहा कि सत्य अनमोल और पवित्र दोनों है। दुनिया भर के परिपक्व लोकतंत्रों में जो लोग झूठ के सहारे आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं, अंतत: वे खुद सामाजिक जीवन से गायब हो जाते हैं। जेटली ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि हमारे बदलते सामाजिक-आर्थिक परिवेश में भारत में भी ऐसा ही होगा।
जेटली ने कहा, आधुनिक विश्व में राजवंशों की स्वाभाविक रूप से अपनी सीमाएं हैं। आकांक्षी समाज अब इस तरह की व्यवस्था पसंद नहीं करते। वे जवाबदेही और प्रदर्शन पर जोर देते हैं। लेकिन भारतीय राजनीति की सबसे पुरानी पार्टी दुख से एक वंश के चंगुल में फंस गई। इसके नेताओं में इतनी भी हिम्मत नहीं है कि वे इस वंश को सही-गलत के बारे में बता सकें। इस परंपरा की शुरुआत 1970 में हुई थी। नेताओं की 'नौकर' वाली मानसिकता ने उन्हें इस बात के लिए राजी कर लिया कि उन्हें सिर्फ एक ही परिवार के गुण गाने हैं। जब यह वंश झूठ बोलता है तो बाकी नेता भी उनके साथ वैसा ही करने लगते हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर एक डूबते वंश को बचाने के लिए आखिर कितने झूठ बोलने पड़ेंगे। जेटली ने महागठबंधन पर भी हमला करते हुए कहा कि झूठ का संक्रामक प्रभाव काफी बड़ा है। उन्होंने कहा कि 'महाझूठबंधन' के उनके साथियों में भी यह अब दिखने लगा है। राफेल डील में जहां जनता के हजारों करोड़ रुपए बचाए गए हैं, उसे बदनाम करने के लिए रोजाना झूठ गढ़े जा रहे हैं। कोई भी इसे कभी नहीं खरीदेगा क्योंकि तथ्य इसका समर्थन नहीं करते हैं।
जेटली ने दावा किया कि ताजा झूठ राफेल संबंध में संसद में पेश की गई कैग रिपोर्ट को लेकर फैलाया जा रहा है। राजवंश जानता है कि उसका 500 करोड़ बनाम 1600 करोड़ का किंडरगार्टन तर्क एक काल्पनिक कहानी थी। अब सबूतों के बिना, कैग के हितों के एक काल्पनिक संघर्ष का आविष्कार किया गया है। उन्होंने ब्लॉग अंत में लिखा कि आखिर एक डूबते वंश को बचाने के लिए कितने झूठ बोलने पड़ेंगे। उन्होंने कहा, 'भारत निश्चित रूप से इससे अच्छे का हकदार है।'