आगरा में ट्रंप के सम्मान में सरकार के इस निर्णय का कलाकारों ने किया विरोध
मथुरा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में आगरा की सड़कों पर ब्रज संस्कृति की कुछ झलकियां प्रस्तुत करने के राज्य सरकार के निर्णय को 'पद्मश्री' से सम्मानित मोहन स्वरूप भाटिया सहित सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों एवं धार्मिक समाज के प्रतिनिधियों ने ब्रज संस्कृति का अपमान बताया है।
लोक संस्कृति की रक्षा के लिए प्रयासों की खातिर गत वर्ष 'पद्मश्री' सम्मान से नवाजे गए मोहन स्वरूप भाटिया का कहना है कि किसी भी विशिष्टजन के लिए राधा-कृष्ण के स्वरूपों को सड़क पर उतारकर प्रदर्शन कराया जाना ब्रज संस्कृति का अपमान है।
उन्होंने कहा, राधा और कृष्ण कोई आम चरित्र नहीं हैं। वे करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के केंद्र हैं, उनके आराध्य हैं और जब भी कोई कलाकार उनका स्वरूप धारण करता है तो श्रद्धालु उसे भी उन्हीं का प्रतीक मानकर सम्मान देते हैं। ऐसे में, जब वे अपने आराध्य को सड़कों पर मानव मात्र की खुशी के लिए लीला का प्रदर्शन करते देखेंगे तो निश्चित ही उनकी मान्यताओं को ठेस पहुंचेगी।
अत: सरकार को इस प्रकार का प्रदर्शन पूर्ण सम्मान के साथ किसी मंच पर आयोजित करना चाहिए, न कि इस प्रकार सड़कों पर। वृन्दावन स्थित श्याम सदन में मंगलवार को आयोजित बैठक में मथुरा के रास कलाकार हरि वल्लभ शर्मा ने कहा कि 24 फरवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति के स्वागत के दौरान ब्रज की संस्कृति के प्रदर्शन के लिए महारास आदि कार्यक्रमों का सड़कों पर आयोजन किया जाना परंपरा के विपरीत है। बैठक में शामिल अन्य कलाकारों ने भी इस तरह के आयोजन को लेकर अपना विरोध जताया।
उल्लेखनीय है कि अब तक तय भ्रमण कार्यक्रम के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत में हवाईअड्डा से ताजमहल तक सड़क के किनारे कलाकार ब्रज संस्कृति के प्रतीक महारास लीला, चरकुला नृत्य, फूलों की होली जैसे अनेक कार्यक्रम पेश करेंगे। इस दौरान राधा और कृष्ण के स्वरूप भी सड़कों पर नजर आएंगे।