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Last Updated : शनिवार, 1 मार्च 2025 (16:10 IST)

शाह ने की Manipur की सुरक्षा संबंधी स्थिति की समीक्षा, राष्ट्रपति शासन के बाद पहली बैठक

शाह ने शनिवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और अशांत राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने तथा विभिन्न समूहों के पास मौजूद अवैध एवं लूटे गए हथियारों को पुलिस को सौंपे जाने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया।

शाह ने की Manipur की सुरक्षा संबंधी स्थिति की समीक्षा, राष्ट्रपति शासन के बाद पहली बैठक - Amit Shah reviewed the security situation in Manipur
Amit Shah reviewed: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को मणिपुर (Manipur) में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और अशांत राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने तथा विभिन्न समूहों के पास मौजूद अवैध एवं लूटे गए हथियारों को पुलिस को सौंपे जाने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया। सूत्रों ने नई दिल्ली में यह जानकारी दी।ALSO READ: मणिपुर में लगा राष्ट्रपति शासन, विधानसभा निलंबित, फैसले पर कांग्रेस ने लगाया यह आरोप
 
राष्ट्रपति शासन के बाद पहली बैठक : पूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह इस प्रकार की पहली बैठक है। सूत्रों ने कहा कि गृहमंत्री ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। राज्य में कानून-व्यवस्था की समग्र स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी गई। सूत्रों ने बताया कि बैठक में मई 2023 से पहले जैसी स्थिति बहाल करने और विभिन्न समूहों के पास मौजूद अवैध एवं लूटे गए हथियार पुलिस को सौंपे जाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।ALSO READ: मणिपुर में CRPF के जवान ने कैंप में की फायरिंग, 2 की मौत, 8 घायल
 
राज्यपाल और शीर्ष अधिकारी बैठक में शामिल हुए : बैठक में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला तथा मणिपुर सरकार, सेना और अर्द्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। मई 2023 से इंफाल घाटी में मेइती और आसपास की पहाड़ियों पर बसे कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।ALSO READ: प्रियंका गांधी ने कहा, मणिपुर सीएम को बहुत पहले ही दे देना चाहिए था इस्तीफा
 
13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा : मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के अपने पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद पूर्वोत्तर राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई थी। इसके बाद केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लोगों से लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को 7 दिन के भीतर स्वेच्छा से पुलिस के सुपुर्द करने का 20 फरवरी को आग्रह किया था। उन्होंने आश्वासन दिया था कि इस अवधि के दौरान हथियार छोड़ने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
 
इस अवधि में मुख्य रूप से घाटी के जिलों में 300 से अधिक हथियार जनता द्वारा सौंपे गए। इनमें मेइती चरमपंथी समूह अरम्बाई टेंगोल द्वारा सौंपे गए 246 आग्नेयास्त्र शामिल हैं। भल्ला ने लूटे गए और अवैध हथियारों को पुलिस को सौंपने की समयसीमा शुक्रवार को बढ़ाकर 6 मार्च शाम 4 बजे तक कर दी थी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta