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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: शुक्रवार, 10 जून 2016 (16:51 IST)

अमरनाथ यात्रा पर बढ़ा विवाद, सेना और बीएसएफ आमने-सामने

अमरनाथ यात्रा पर बढ़ा विवाद, सेना और बीएसएफ आमने-सामने - Amarnath Yatra, BSF, army,
श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे का विवाद अभी थमा नहीं है। हिज्बुल मुजाहिदीन के  कमांडर बुरहान वानी द्वारा इस संबंध में जारी वीडियो के बाद अब सेना ने भी इस बात का  खंडन किया है कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरा है। 
पर इस विवाद के बीच चौंकाने वाला तथ्य यह है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय कोई खतरा मोल लेने  को तैयार नहीं है जिसने इस बार पिछले साल से अधिक सुरक्षा बलों को अमरनाथ यात्रा की  सुरक्षा के लिए तैनात करने का फैसला किया है।
 
पिछले हफ्ते बीएसएफ के कान्वाय पर हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें बीएसएफ के 3 जवान  शहीद हो गए थे, बीएसएफ के महानिदेशक ने इस बात का दावा किया था कि आतंकी  अमरनाथ यात्रा पर हमले की तैयारी कर रहे हैं और ताजा हमला उसी तैयारियों का नतीजा है।
 
पर आतंकियों ने ऐसी किसी तैयारी से इंकार किया था। इसकी खातिर बाकायदा हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके दावा कर  दिया कि उनका गुट अमरनाथ यात्रा पर हमलों के पक्ष में नहीं है।
 
यही नहीं, वानी के इस दावे को लेकर विवाद अभी थमा नहीं था कि कश्मीर के अनंतनाग  इलाके में तैनात सेना की विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल अशोक नरोला ने पत्रकारों के साथ बात करते हुए बीएसएफ के महादिनदेशक के दावे को खारिज कर दिया।
 
ऐसा भी नहीं है कि सेना के जीओसी रैंक के अधिकारी द्वारा अमरनाथ यात्रा को लेकर दिए गए  बयान के बाद विवाद थम गया हो, बल्कि यह और बढ़ गया है। इसके बढ़ने का सबसे बड़ा  कारण यह है कि चाहे सेना और आतंकी अमरनाथ यात्रा पर कोई खतरा नहीं मानते हों, पर  केंद्रीय गृह मंत्रालय कोई खतरा मोल लेने को तैयार नहीं है।
 
यह इसी से स्पष्ट होता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल से अधिक संख्या में सुरक्षा  बलों को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात करने का निर्देश देने के साथ ही इस बार  अधिक केंद्रीय बलों को जम्मू-कश्मीर भिजवाने का फैसला किया है।
 
जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की खातिर अर्द्धसैनिक बलों  की करीब 100 कंपनियों की मांग केंद्र से की थी और बदले में मिलने वाली 125 से अधिक  अर्द्धसैनिक बलों की कंपनियां इसे दर्शाती हैं कि केंद्रीय गृह मंत्रालय अमरनाथ यात्रा पर खतरे  को कम करके नहीं आंक रहा है।
 
इतना जरूर था कि इस बार मौसम के खतरे को भी अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सबसे बड़े खतरे  के रूप में देखा जा रहा है। यह इसी से स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार ने खराब मौसम से  अमरनाथ यात्रा को सकुशल रखने की खातिर इस बार एनडीआरएफ की 16 कंपनियां भी यात्रा  मार्ग पर तैनात करने का फैसला किया है।
 
यह पहली बार है कि एनडीआरएफ की कंपनियों को यात्रा मार्ग पर तैनात किया जा रहा है  जबकि इसे भूला नहीं जा सकता कि अमरनाथ यात्रा के लिए मौसम हमेशा ही खतरे के रूप में  बरसा है।
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