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Last Updated :अलवर , मंगलवार, 24 जुलाई 2018 (09:05 IST)

अलवर मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस ने अपनी गलती मानी, बच सकती थी रकबर की जान

अलवर मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस ने अपनी गलती मानी, बच सकती थी रकबर की जान - alwar mob lynching Police Rakbar
अलवर। राजस्‍थान के अलवर जिले के रामगढ़ में रकबर खान की मॉब लिंचिंग मामले में तीन दिन बाद राजस्‍थान सरकार ने अपनी लापरवाही मान ली है। इस मामले में 5 पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हुई हैं। थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर सुभाष सुभाष शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया जबकि एएसआई मोहन चौधरी समेत 4 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है।
 
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एडीजी अनार के रेड्डी के नेतृत्व में अलवर गई पुलिस टीम ने अपनी पूरी रिपोर्ट राजस्थान के डीजीपी को दे दी है। उसके बाद प्राथमिक रूप से पुलिसकर्मियों को लापरवाही में दोषी मानते हुए सजा दी गई है।
 
उल्लेखनीय है कि अलवर के रामगढ़ थाना क्षेत्र में 20 जुलाई की देर रात कुछ लोगों ने गोतस्करी के शक में रकबर खान की पिटाई कर दी थी। जिसके बाद पुलिस रकबर को थाने ले गई थी। उन्होंने रकबर को अस्पताल ले जाने में काफी देरी की, जिसके चलते उसने बिना इलाज के दम तोड़ दिया। पुलिस पर यह भी आरोप है कि उसने रकबर को अस्पताल पहुंचाने से पहले गायों को गौशाला पहुंचाया।  
 
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स्पेशल डीजी (कानून-व्यवस्था) एनआरके रेड्डी ने कहा कि प्रथमदृष्टया मामले में पुलिस टीम के निर्णय में चूक सामने आई है। जो हुआ वह टाला जा सकता था। वे प्राथमिकता के आधार पर उचित फैसला नहीं ले सके। पूरे मामले की एएसपी स्तर की जांच जारी रहेगी। 
 
इस बीच सोमवार को रामगढ़ में गोविंदगढ़ मोड़ पर ही चाय बेचने वाले एक दुकानदार ने दावा किया कि रामगढ़ पुलिस एक युवक को जीप में ले जाते वक्त रात करीब सवा तीन बजे उसकी दुकान पर रुकी थी। पुलिस वालों ने यहां चाय पी। मैंने पुलिसवालों को युवक को पीटते देखा।
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