अबू धाबी के क्राउन प्रिंस का भारत दौरा, आज पीएम मोदी और राष्ट्रपति से मुलाकात
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के तहत रविवार को नई दिल्ली पहुंचे, जहां उनका स्वागत किया गया। नाहयान भारत की इस यात्रा के दौरान पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच ऊर्जा और संपर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हवाई अड्डे पर अबू धाबू के क्राउन प्रिंस का स्वागत किया, जिसके बाद उनका औपचारिक स्वागत किया गया।
पीएम मोदी होगी मुलाकात : क्राउन प्रिंस सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर कई अहम मुद्दों चर्चा भी होगी। क्राउन प्रिंस राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। क्राउन प्रिंस महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने राजघाट पर भी जाएंगे। क्राउन प्रिंस के साथ यूएई सरकार के कई मंत्री और बिजनेस डेलिगेशन भी भारत आया है। भारत और यूएई के संबंध ऐतिहासिक रूप से काफी बढ़िया रहे हैं। हाल के सालों में भारत और यूएई के बीच में राजनैतिक व्यापार, निवेश कनेक्टिविटी, ऊर्जा प्रौद्योगिक शिक्षा और संस्कृति सहित कई क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी पहले से और गहरी हुई है।
क्यों अहम है ये मुलाकात : क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के दौरे से दोनों देशों के बीच में रिश्ते और मजबूत होने की संभावनाएं हैं। अबू धाबी के क्राउन प्रिंस का भारत दौरा एक ऐसे समय में हो रहा है, जब मध्यपूर्व में तनाव चरम पर है। इसलिए उनके इस दौरे की खास अहमियत है। क्राउन प्रिंस के तौर पर नाहयान का यह पहला भारत दौरा है। पीएम और राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद 10 सितंबर को क्राउन प्रिंस मुंबई में होंगे, जहां बिजनेस फोरम में हिस्सा लेंगे और यह व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिहाज़ से काफी अहम होगा।
बता दें कि पिछले कुछ सालों में देखें तो भारत और यूएई के बीच जो है संबंध हैं उसमें काफी निकटता आई है। इसी साल पीएम मोदी 13-14 फरवरी को यूएई के दौरे पर गए थे। साल 2015 से लेकर अब तक यूएई का यह उनका सातवां दौरा था और पिछले 1 साल में पीएम मोदी 3 बार यूएई जा चुके हैं. दोनों देशों के बीच साझेदारी के नए क्षेत्रों का रास्ता खुलने की उम्मीद जताई जा रही है। पीएम मोदी ने 2015 में यूएई की यात्रा की थी और उस समय दोनों देशों के संबंधों को राजनीतिक साझेदारी के स्तर पर ले जाया गया और 2017 में दोनों देशों के बीच कंप्रिहेंसिव स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप पर भी हस्ताक्षर हुए।
Edited By: Navin Rangiyal