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Written By भाषा

C-SAT पर केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला

यूपीएससी
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नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सी-सैट परीक्षा पर जारी विवाद के बीच सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए आज कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में अंग्रेजी भाषा वाले प्रश्न के अंकों को ग्रेडिंग या मेरिट में सम्मलित नहीं किया जाएगा।

कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मामलों के राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज लोकसभा में अपने बयान में कहा, ‘सरकार का मत है कि सिविल सेवा परीक्षा प्रश्न पत्र 2 में अंग्रेजी भाषा वाले प्रश्न के अंकों को ग्रेडिंग या मेरिट में सम्मलित करने का कोई औचित्य नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘सिविल सेवा परीक्षा 2011 के उम्मीदवारों को 2015 की परीक्षा में बैठने का एक और मौका दिया जाना चाहिए।’ यूपीएससी सी-सैट और इस परीक्षा में अंग्रेजी को तवज्जो दिए जाने को लेकर छात्र पिछले कुछ दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। संसद के वर्तमान सत्र में भी यह विषय कई बार उठा था।

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले हिन्दी भाषी क्षेत्र के छात्र सी-सैट का विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि सी-सैट की वजह से सभी छात्रों को समान अवसर नहीं मिल रहा है और यह कला, समाज विज्ञान और ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों के खिलाफ है।

छात्रों का दावा है कि सी-सैट के एक सेट में 40 से 45 प्रश्न अंग्रेजी में पूछे जाते हैं। सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न में बदलाव को लेकर छात्रों के आंदोलन के बीच यूपीएससी ने 24 अगस्त को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र जारी करना शुरू कर दिया था। इसके कारण आंदोलन ने उग्र रूप अख्तियार कर लिया था।

सरकार ने इस विषय पर विचार के लिए तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की थी जो सिविल सेवा एप्टीट्यूट परीक्षा (सी-सैट) के पैटर्न को बदलने की परीक्षार्थियों की मांग पर अध्ययन कर रिपोर्ट पेश किया था। इस विषय पर कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी चर्चा हुई थी।

आज भी राज्यसभा में यूपीएससी सी-सैट परीक्षा का मुद्दा उठा था और विपक्षी सदस्यों ने सी-सैट के मुद्दे पर सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया और उसके खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दिया।

लोकसभा में कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह के बयान के बाद सपा के धर्मेन्द्र यादव ने सरकार के बयान को आधा अधूरा बताते हुए यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या सी-सैट को हटा दिया गया है। बीजद के भतृहरि माहताब ने भी जानना चाहा कि क्या सी-सैट को हटा दिया गया है।

आज भी राज्यसभा में यूपीएससी सी-सैट परीक्षा का मुद्दा उठा था और विपक्षी सदस्यों ने सी-सैट के मुद्दे पर सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया और उसके खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दिया। लोकसभा में कार्मिक राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह के बयान के बाद सपा के धर्मेन्द्र यादव ने सरकार के बयान को अधूरा बताते हुए यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या सी-सैट को हटा दिया गया है। बीजद के भतृहरि माहताब ने भी जानना चाहा कि क्या सी-सैट को हटा दिया गया है।

उधर राज्यसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने मंत्री के जवाब के बाद उनसे स्पष्टीकरण मांगना चाहा लेकिन उपसभापति पीजे कुरियन द्वारा इसकी अनुमति यह कहकर नहीं दी गई कि मंत्री का यह बयान स्वत: आधार पर न होकर सदस्यों की मांग पर दिया गया था लिहाजा इस पर स्पष्टीकरण नहीं हो सकता। सदस्यों के स्पष्टीकरण की मांग पर अड़े रहने के कारण हुए हंगामे के चलते उच्च सदन की बैठक दस मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। (भाषा)