मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में दर्ज हुए थे राजद्रोह के 326 मामले
मुंबई। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में 2014 से 2019 के बीच राजद्रोह के 326 मामले दर्ज किए गए थे।
प्रदेश कांग्रेस महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत ने इस आंकड़े को ट्वीट करते हुए कहा कि केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान 2019 के बाद दर्ज किए गए राजद्रोह के मामलों की संख्या अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं ने राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा पर राजद्रोह का मामला दर्ज करने को लेकर क्रूर बताया है। सावंत ने कहा कि मैं राज्य के भाजपा नेताओं को याद दिलाना चाहता हूं जो अदालत की टिप्पणी (राणा दंपत्ति के खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है) के बाद जश्न मना रहे हैं कि मोदी शासन के तहत 2014 से 2019 तक राजद्रोह के कुल 326 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2019 के बाद कोई डेटा नहीं है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलने के लिए राजद्रोह के कुल 149 और (उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलने के लिए 144 मामले दर्ज किए गए। केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया और हाथरस बलात्कार मामले के बारे में लिखने के लिए उत्तर प्रदेश जाने के बाद डेढ़ साल से जेल में हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी नीत सरकार ने (कार्यकर्ता और एल्गार परिषद-माओवादी जुड़ाव मामले के आरोपी) स्टेन स्वामी को स्ट्रॉ और सिपर देने से भी इनकार कर दिया था। चिकित्सा आधार पर जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वामी की मृत्यु हो गई थी। सावंत ने कहा कि मोदी नीत सरकार ने पूरे देश में आतंक फैलाया है, लेकिन भाजपा महाराष्ट्र में एमवीए सरकार को क्रूर और दमनकारी कहती है।