साईं बाबा एक ‘मुस्लिम फकीर’, नहीं हो सकती पूजा: शंकराचार्य
हरिद्वार। शिरडी साईं बाबा पर दिए गए अपने बयान से पीछे हटने से इंकार करते हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने रविवार को को उन्हें एक मुस्लिम फकीर बताया जिसकी एक हिंदू देवता के समान पूजा नहीं हो सकती और कहा कि यदि उन्हें जेल भी भेज दिया जाता है तो भी हिंदू धर्म की रक्षा करने का उनका अभियान जारी रहेगा।यहां कनखल में भारत साधु समाज की केंद्रीय कार्य समिति की एक बैठक को संबोधित करते हुए शंकराचार्य ने कहा, ‘वे मेरा पुतला जला सकते हैं या मुझे जेल तक भेज सकते हैं, लेकिन हिंदू धर्म की पवित्रता की रक्षा करने का मेरा अभियान जारी रहेगा।’उन्होंने कहा, ‘साईं बाबा एक मुस्लिम फकीर थे जिनकी तुलना हिंदू देवी-देवताओं से नहीं की जा सकती या उनकी तरह उन्हें पूजा नहीं जा सकता।’ उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ताकतें मनमाने तरीके से नए देवताओं को बनाकर हिंदू धर्म को ‘भ्रष्ट’ कर रही हैं। ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य ने कहा कि ऐसी ताकतों से हिंदू धर्म की रक्षा किए जाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म की रक्षा के उनके अभियान का उन्हीं लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है जिन्होंने धर्म को आजीविका का साधन बना लिया है।
अगले पन्ने पर उमा पर वार और हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापना का विरोध....
स्वामी स्वरूपानंद को लिखा गया केंद्रीय मंत्री उमा भारती का पत्र भी बैठक में पढ़कर सुनाया गया। उमा भारती ने अपने बयान के पीछे के तर्क की व्याख्या करते हुए कहा था कि किसी को भगवान के रूप में देखना किसी व्यक्ति का निजी विचार है। भारती की व्याख्या से स्वामी स्वरूपानंद संतुष्ट नजर नहीं आए और कहा कि ऐसा लगता है कि उमा भारती ने साईं बाबा की वे तस्वीरें नहीं देखी हैं जिनमें उन्हें शिव और विष्णु की तरह हिंदू देवाताओं के रूप में चित्रित किया गया है।उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा, ‘साईं बाबा की मूर्तियां घरों में लगाई गई हैं। यदि वे हमारे मंदिरों में लगाई जाएं तो क्या हो?’ उन्होंने कहा कि जब उमा भारती केंद्र में मंत्री बनीं तो उन्होंने सोचा था कि एक रामभक्त केंद्रीय मंत्री बनी हैं और अयोध्या में जल्द ही भगवान राम का मंदिर हकीकत बनेगा लेकिन उनसे गलती हो गयी क्योंकि उमा भारती ‘एक मुस्लिम की पुजारिन' निकलीं। स्वामी प्रेमानंद ने तो इससे भी आगे बढ़कर इस मुद्दे पर उमा भारती के इस्तीफे की मांग तक कर डाली।