Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
बुधवार, 8 अगस्त 2007 (12:58 IST)
मानवाधिकार में 43 हजार मामले लंबित
देश के 12 राज्यों में राज्य मानवाधिकार आयोग की स्थापना नहीं होने और कई राज्यों में आयोग में पद खाली होने के कारण राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास शिकायतों का बोझ बढ़ता जा रहा है।
आयोग के सूत्रों ने बताया कि नवीनतम आँकड़ों के मुताबिक वर्ष 2005 से 2006 के बीच आयोग के पास 74444 मामले दर्ज हुए। पहले से लंबित और नए मामलों को निपटाने के बाद भी 31 मार्च 2006 तक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास 43069 मामले अनसुलझे बने रहे।
इनमें हिरासत में मौत मुठभेड़ में मौत और अन्य गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायतों के साथ ही छोटे मोटे मामले भी सीधे आयोग के पास आ जाते हैं।
आयोग के सदस्य पीसी शर्मा ने बताया आयोग के पास पिछले कई साल से 40 हजार मामले लंबित पड़े हुए हैं। पहले इन मामलों को राज्य आयोगों को सौंपने की कोई व्यवस्था नहीं थी।
इन्हें तेजी से निपटाने के लिए मानवाधिकार आयोग अधिनियम 1993 में पिछले साल संशोधन किया गया। इसके तहत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अपने पास लंबित मामलों को राज्य मानवाधिकार आयोग के पास भेज सकता है।
उन्होंने बताया कि राज्य आयोग इन शिकायतों का वैसे ही निपटारा करेंगे, जैसे शिकायत मूल रूप से उन्हीं के पास आई हों।