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Written By वार्ता
Last Modified: नई दिल्ली (वार्ता) , शनिवार, 2 जून 2007 (12:53 IST)

मनमोहन संसद को विश्वास में लें-वाजपेयी

भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते
पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से आग्रह किया है कि वे भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के बारे में भारत की ओर से मंजूरी देने के पहले संसद के दोनों सदनों को आश्वस्त करें।

वाजपेयी ने इस समझौते के लगभग तय पाए जाने की खबरों के बीच सोमवार को यहाँ एक बयान में कहा कि इस समझौते के बारे में प्रधानमंत्री ने संसद के दोनों सदनों में पिछले वर्ष कुछ निश्चित आश्वासन दिए थे।

समझौते को अंतिम मंजूरी देने के पूर्व उन्हें संसद को आश्वस्त करना चाहिए कि उन्होंने जो वायदे किये थे वे पूरे किए गए हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ. सिंह की ओर से यह कदम उठाया जाना इसलिए और भी जरूरी है क्योंकि अमेरिकी संसद द्वारा पारित कानून के कुछ प्राविधियों को लेकर विवाद पैदा हुआ है।

उन्होंने कहा कि यह सही है कि संविधान के अनुसार सरकार अंतरराष्ट्रीय समझौतों के बारे में संसद की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए बाध्य नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री के आश्वासनों के मद्देनजर उन्हें संसद को संतुष्ट करना चाहिए।

वाजपेयी ने अपने बयान में इन खबरों का उल्लेख किया है कि भारत और अमेरिका इस समझौते पर मुहर लगाने के मुकाम पर पहुँच गए हैं। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने भी कहा कि समझौते पर 90 प्रतिशत तक काम हो चुका है।