Last Modified: नई दिल्ली ,
सोमवार, 4 अगस्त 2014 (17:50 IST)
दिल्ली में गैंगरेप केस में 10 वर्ष की कैद
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नई दिल्ली। बंदूक का भय दिखाकर अपने तीन सहयोगियों के साथ मिलकर एक पुजारी की 19 वर्षीय पत्नी के साथ सामूहिक बलात्कार करने और मंदिर परिसर में डकैती डालने वाले दो लोगों को दिल्ली की एक अदालत ने दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एमसी गुप्ता ने 40 वर्षीय कृष पाल और 48 वर्षीय कमल दास को भारतीय दंड संहिता की सामूहिक बलात्कार, डकैती और डकैती के साथ हत्या करने या गंभीर रूप से घायल करने की धाराओं के तहत 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने उन्हें सामूहिक बलात्कार के अपराध के लिए दोषी ठहराते हुए कहा, यह स्पष्ट रूप से साबित होता है कि आरोपी कृष पाल और कमल दास द्वारा महिला के साथ यौनाचार उसकी मर्जी के खिलाफ था। अदालत ने दिल्ली निवासी कृष और मेरठ निवासी कमल पर 35-35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
इन दोनों दोषियों के अलावा वीरेंद्र और सुनील कुमार को पहले ही डकैती और सामूहिक बलात्कार का दोषी ठहराकर अदालत द्वारा सजा सुनाई जा चुकी थी। इनके अलावा राज पाल को घोषित अपराधी ठहराया गया।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा है कि मार्च 2005 में कृष और कमल ने वीरेंद्र और सुनील के साथ मिलकर बंदूक की नोंक पर महिलाओं के जेवर लूटे और उसे मार डालने की धमकी देकर एक-एक करके उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया।
अदालत ने कहा कि महिला ने तब दो माह पहले ही एक बच्ची को जन्म दिया था। इस महिला के साथ बलात्कार करने से पहले ये लोग बेगमपुर इलाके में स्थित मंदिर का ताला तोड़कर परिसर में घुसे, पुजारी को पीटा और कई चीजें लूट लीं।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह घटना 18-19 मार्च 2005 के बीच की रात को उस समय हुई, जब पुजारी मंदिर में सो रहा था जबकि उसकी पत्नी, बच्ची और चार वर्षीय साला साथ के कमरे में सो रहे थे।
पुलिस ने कहा कि रात को एक बजे कृष, कमल, वीरेंद्र, सुनील और राज पिस्तौलों, बंदूकों और तलवारों के साथ मंदिर का दरवाजा तोड़कर वहां घुसे और पुजारी से एक लाख रुपए की मांग की।
जब पुजारी ने उन्हें कहा कि उसके पास पैसा नहीं है तो उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया और रस्सियों से बांध दिया। पुलिस ने कहा कि इसके बाद उन्होंने दूसरे कमरे का दरवाजा खोला, जहां पुजारी का परिवार सो रहा था।
वहां उन्होंने पुजारी की पत्नी के सोने के गहने लूट लिए और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। सुनवाई के दौरान कृष और कमल ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। (भाषा)