Last Updated :नई दिल्ली (एजेंसियाँ) , गुरुवार, 10 जुलाई 2014 (13:12 IST)
...तो मलहोत्रा दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे
भाजपा ने घोषणा की कि वह आगामी विधान सभा चुनाव में सत्ता में आई तो विजय कुमार मलहोत्रा दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में फैसला किया गया कि दिल्ली में विधान सभा चुनाव मलहोत्रा के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
बैठक के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरूण जेटली ने यह जानकारी दी। दिल्ली में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल दिसम्बर में समाप्त हो रहा है। मलहोत्रा इस समय लोकसभा में भाजपा के उपनेता हैं।
पहली प्राथमिकता : भाजपा आलाकमान द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के फौरन बाद मलहोत्रा ने कहा कि सत्ता में आने पर उनकी पहली प्राथमिकता संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु को फाँसी दिलाना होगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने पर वे दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की भी माँग करेंगे। खेल प्रेमी मल्होत्रा ने आरोप लगाया कि दिल्ली में 2010 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी में वर्तमान सरकार बहुत ढिलाई बरत रही है और मुख्यमंत्री बनने पर वह इसे दूर करे उन खेलों को आदर्श खेल बना कर दिखाएँगे।
राजनीतिक सफर : मलहोत्रा 1958 में पहले पहल दिल्ली नगर निगम के लिए निर्वाचित हुए थे और आज उसके 50 साल बाद पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया है। इससे पहले वे 1977, 1989, 1999 और 2004 में लोकसभा के लिए चुने गए। साथ ही 1994 में वह राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। इस समय मलहोत्रा तीरंदाजी फेडरेशन के अध्यक्ष भी हैं।
वे 1953 में भाजपा के चिंतक श्यामाप्रसाद मुखर्जी के साथ निवारक नजरबंदी कानून के तहत जेल गए थे। 1966 की पुलिस फायरिंग में बाल बाल बचे थे। उस समय गौरक्षा के लिए आंदोलन चल रहा था। उन्हें आपातकाल के दौरान भी 19 महीने के लिए जेल भेजा गया था। उस दौरान उन्हें दिल्ली, अंबाला, चंडीगढ़ और हिसार की जेलों में रखा गया था।