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Nag Panchami 2019 Special : 13 लक्षण हैं तो समझें आपको कालसर्प दोष है, ये 11 उपाय बचा सकते हैं

Nag Panchami 2019 Special : 13 लक्षण हैं तो समझें आपको कालसर्प दोष है, ये 11 उपाय बचा सकते हैं - Nag Panchami 2019 Special Upay
जिन व्यक्तियों की जन्म पत्रिका में कालसर्प दोष हो या जिनके हाथ से जाने-अनजाने सर्प की हत्या हुई हो, उनके जीवन में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव आते हैं। यदि जन्म पत्रिका नहीं हो तथा जीवन में निम्नलिखित समस्याओं में से कोई एक भी हो तो वे अपने आपको कालसर्प दोष से पीड़ित समझें तथा नागपंचमी के दिन उपाय करें।
 
1. मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। 
 
2. व्यवसाय में हानि बार-बार होना। 
 
3. अपनों से ठगा जाना।
 
4. अकारण कलंकित होना। 
 
5. संतान नहीं होना या संतान की उन्नति नहीं होना। 
 
6. विवाह नहीं होना या वै‍वाहिक जीवन अस्त-व्यस्त होना। 
 
7. स्वास्थ्य खराब होना।
 
8. बार-बार चोट-दुर्घटनाएं होना। 
 
9. अच्‍छे किए गए कार्य का यश दूसरों को मिलना। 
 
10. भयावह स्वप्न बार-बार आना, नाग-नागिन बार-बार दिखना।
 
11. काली स्त्री, जो भयावह हो या विधवा हो, रोते हुए दिखना। 
 
12. मृत व्यक्ति स्वप्न में कुछ मांगे, बारात दिखना, जल में डूबना, मुंडन दिखना, अंगहीन दिखना। 
 
13. गर्भपात होना या संतान होकर नहीं रहना आदि लक्षणों में से कोई एक भी हो तो कालसर्प दोष की शांति करवाएं। 
 
नागपंचमी के दिन किए जाने वाले कुछ प्रयोग निम्नलिखित हैं जिनके करने से कालसर्प दोष शिथिल होता है- 
 
1. नाग-नागिन का जोड़ा चांदी का बनवाकर पूजन कर जल में बहाएं। 
 
2. नारियल पर ऐसा ही जोड़ा बनाकर मौली से लपेटकर जल में बहाएं। 
 
3. सपेरे से नाग या जोड़ा पैसे देकर जंगल में स्वतंत्र करें। 
 
4. किसी ऐसे शिव मंदिर में, जहां शिवजी पर नाग नहीं हों, वहां प्रतिष्ठा करवाकर नाग चढ़ाएं। 
 
5. चंदन की लकड़ी के बने 7 मौली प्रत्येक बुधवार या शनिवार शिव मंदिर में चढ़ाएं। 
 
6. शिवजी को चंदन तथा चंदन का इत्र चढ़ाएं तथा नित्य स्वयं लगाएं। 
 
7. नागपंचमी को शिव मंदिर की सफाई, मरम्मत तथा पुताई करवाएं। 
 
8. निम्न मंत्रों के जप-हवन करें या करवाएं।
 
(अ) 'नागेन्द्र हाराय ॐ नम: शिवाय' 
 
(ब) 'ॐ नागदेवतायै नम:' या नागपंचमी मंत्र 'ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नौ सर्प प्रचोद्यात्।' 
 
(9) शिवजी को विजया, अर्क पुष्प, धतूर पुष्प, फल चढ़ाएं तथा दूध से रुद्राभिषेक करवाएं। 
 
(10) अपने वजन के बराबर कोयले पानी में बहाएं। 

(11) नित्य गौमूत्र से दांत साफ करें।

 
 
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