शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. मेरा ब्लॉग
  4. World Bicycle Day 2022

world bicycle day : गरीब लड़कियों को मुफ़्त में साइकिल देने की अभिनव 'अ'सरकारी पहल

world bicycle day : गरीब लड़कियों को मुफ़्त में साइकिल देने की अभिनव 'अ'सरकारी पहल - World Bicycle Day 2022
कभी-कभी सरकार की ओर से जो काम बाद में होता है, व्यक्तिगत स्तर पर वही काम बड़ी मुस्तैदी से हो जाता है, जिसके लिए कई बार कहा जाता है कि एक काम होता है-सरकारी, दूसरा असरकारी और असरकारी काम का असर होता है।
 
 पुणे महानगर पालिका द्वारा वर्ष 2016 में तीन सौ किलोमीटर का साइकिल ट्रैक बनाया गया था एवं 80 हज़ार साइकिलें वितरित की गई थीं। लेकिन वर्ष 2013 से ही यह काम पुणे के नांदेड सिटी इलाके में रहने वाली शिल्पा चेऊलवार-गंजेवार ने शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने पति प्रीतम के नाम से प्रीतम फ़ाउंडेशन की स्थापना की और ख़ासकर गरीब लड़कियों को मुफ़्त में साइकिल  वितरित करने का काम शुरू किया। 
 
जन्म से महाराष्ट्र के परभणी जिले के पिंगली गाँव में पली-बढ़ी शिल्पा ने गाँव में देखा था कि लड़कियों को पढ़ाई करने के लिए जितनी सामाजिक ज़िल्लत उठानी पड़ती है उससे ज़्यादा ज़ेहमत दूर तक पैदल चलकर जाने की भी होती है। महाराष्ट्र के नांदेड़ के प्रीतम से उनकी शादी हुई तो पति का भी बचपन का ऐसा ही अनुभव था। 

प्रीतम 2003 ने दसवीं की परीक्षा जिस साइकिल  से जाकर दी थी, उनके भाई ने 2007 में उसी साइकिल  का उपयोग परीक्षा देने के लिए किया था। तब से उनके मन में था कि जिन गरीब लोगों के पास साइकिल  तक नहीं होती, वे कितनी दिक्कतों का सामना कर स्कूल जाते होंगे। फ़ाउंडेशन की स्थापना के बाद हर साल जून में स्कूल खुलते ही वे अपने बूते पर नांदेड एवं आसपास के गाँवों के इलाकों की लड़कियों को साइकिल वितरित करते हैं। शिल्पा और प्रीतम ने बताया कि जिनके घर से स्कूल पाँच-छह किलोमीटर की दूरी पर हैं, उन लड़कियों को वे नई साइकिलें वितरित करते हैं। यदि लड़कियाँ ज़्यादा हों, तो लकी ड्रॉ निकालते हैं। हम वास्तव में जो लोग गरीब हैं उनकी ही मदद करना चाहते हैं इसलिए भली-भाँति देख परखकर साइकिलें देते हैं। पहले साल 25 साइकिलें देने से काम शुरू हुआ जो अब 200 साइकलों तक पहुँच गया है। इतना ही नहीं हर साल वे हज़ारों की संख्या में छह नोटबुक का सैट ,पैन-पेंसिल भी वितरित करते हैं।
 
इसी तरह पुणे के ट्विन सिटी कहलाते पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम ने इस बार स्वच्छ भारत अभियान के तहत साइकिल बैंक योजना शुरू की है। निगम ने नागरिकों से निगम के क्षेत्रीय कार्यालय में पुरानी, अनुपयोगी साइकिल दान देने की अपील की है। इन पुरानी खराब साइकिलों की मरम्मत कर आर्थिक रूप से कमजोर, ज़रूरतमंद लड़के-लड़कियों को मुफ्त में दी जाएँगी। साइकिल एकत्र करने वाला नगर निगम सोसाइटियों और नागरिकों को प्रशंसापत्र देकर सम्मानित करेगा, जबकि वर्ष 2016 से सुनंदन लेले यह काम कर रहे हैं। 
 
पुणे की स्प्रिंगफ़ील्ड हाउसिंग सोसाइटी में रहते हुए उन्होंने देखा कि लोग बड़े उत्साह से साइकिल तो खरीद लेते हैं लेकिन जैसे ही  वह थोड़ी पुरानी हो जाती हैं, तो वे घर में, परिसर में, छत पर, पार्कों में, सीढ़ियों के किनारे पड़ी रहने लगती हैं। इन साइकिलों में जंग लग जाता हैं और बाद में उसे कबाड़ में बेच दिया जाता है। उन्होंने साइकिल-रिसाइकिल नाम से प्रोजेक्ट शुरू किया। पहले अपनी सोसाइटी की चार इमारतों के 148 फ़्लैट्स से यह काम शुरू हुआ। पुरानी साइकिल की मरम्मत, ऑइलिंग, पहियों-ब्रेक्स की जाँच, टायर-ट्यूब बदलना आदि के बाद पुणे की वेल्हे तहसील के विंजार गाँव में स्थित स्वामी विवेकानंद स्कूल के बच्चों को उसी साल मार्च में साइकिलें दी गईं।
 
पुणे के वनाज, कांचन वन, आकाशदीप, धायरी वुडलैंड, सहकार नगर आदि कई इलाकों से मिलिंद दातार एवं उनके 35-40 साल के साथियों का समूह एक गाड़ी से जाकर वहाँ की सोसाइटियों से साइकिलें लेता है, चालीस साइकिलों का सैट हुआ कि उनकी मरम्मत कर स्कूलों में उन्हें वितरित किया जाता है। इसी तरह का काम विरार के दूरस्थ बच्चों के लिए बर्फ़ीस ऐक्शन ग्रुप भी कर रहा है। परेल, कांदीवली, अंधेरी में एनजीओ के लोग साइकिल इकट्ठा करके ज़रूरतमंदों को दान करते हैं। 
ये भी पढ़ें
World Bicycle Day : विश्व साइकिल दिवस क्यों मनाया जाता है जानिए रोचक बातें