एमपी में मुख्यमंत्री पद को लेकर फंसा पेंच, तीसरा खेमा भी सामने आया...
नई दिल्ली/ भोपाल। 15 साल के बाद सत्ता का स्वाद चखने वाली कांग्रेस मध्यप्रदेश में सरकार बनाने जा रही है। कांग्रेस को बहुमत तो नहीं मिला, लेकिन बसपा, सपा और निर्दलीयों की सहायता से उसने सरकार बनाने का दावा किया है। मुख्यमंत्री की इस दौड़ में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सबसे आगे हैं, लेकिन फैसला राहुल गांधी को करना है। सियासी गलियारों की खबरें की मानें तो मप्र में 'कौन बनेगा मुख्यमंत्री' का पेंच उलझा हुआ दिखाई दे रहा है।
दिल्ली में राहुल गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री को लेकर उन्होंने विधायकों और कार्यकर्ताओं से राय ली है और मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान जल्द होगा। लेकिन सियासी गलियारों से कुछ और खबरें सामने निकलकर आ रही हैं। बताया जाता है कि दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह ने 30 विधायकों के साथ बैठक ली है। इसमें कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद तीसरा खेमा भी बाहर आता दिखाई दे रहा है। खबरों के मुताबिक सिंधिया समर्थक विधायकों ने भी बैठक ली है। मध्यप्रदेश के पर्यवेक्षक एंटोनी दिल्ली में कहा कि सीएम के नाम का ऐलान जल्द होगा।
कमलनाथ को कमान मिलना तय : भोपाल से 'वेबदुनिया' प्रतिनिधि के मुताबिक मध्यप्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार की कमान कमलनाथ को मिलना तय माना जा रहा है। इंतजार अब केवल राहुल गांधी की औपचारिक मोहर का है। आज गुरुवार शाम फिर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है। इसमें कमलनाथ के नाम का औपचारिक ऐलान हो सकता है।
बुधवार को विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की मांग रखी। बैठक में कमलनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने पर एक राय बनने के बाद पार्टी के पर्यवेक्षक एके एंटोनी के सामने एक लाइन का प्रस्ताव पास कर 'कौन बनेगा मुख्यमंत्री', इसका फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर छोड़ा गया।
राहुल-सोनिया का फैसला ही मान्य : हालांकि दिग्विजयसिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह ने इस बात का खंडन किया है कि उन्होंने विधायकों के साथ मीटिंग की है। उन्होंने कहा कि पार्टी जो कहेगी वे वैसा ही करेंगे। राहुल-सोनिया का फैसला मान्य होगा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ और ज्योतिरादित्य के सवाल पर कहा कि सीएम कांग्रेस का बनेगा।