रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Jyotiraditya Scindia
Written By
Last Updated : गुरुवार, 13 दिसंबर 2018 (15:12 IST)

सोने की छत वाले शाही महल में रहते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, पत्नी रह चुकी हैं दुनिया की 50 खूबसूरत महिलाओं में शामिल, जानिए ये बातें...

सोने की छत वाले शाही महल में रहते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, पत्नी रह चुकी हैं दुनिया की 50 खूबसूरत महिलाओं में शामिल, जानिए ये बातें... - Jyotiraditya Scindia
मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुमत तो हासिल नहीं कर सकी, लेकिन प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सरकार बना रही है। 15 साल बाद प्रदेश में कांग्रेस का सियासी वनवास खत्म हुआ। कांग्रेस को सत्ता का स्वाद चखाने में कांग्रेस के दो दिग्गजों कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।


कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की जोड़ी ने ही कांग्रेस को जीत का स्वाद चखवाया है। दोनों ने प्रदेश में चुनावी बागडोर को संभाले रखा और कांग्रेस को सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाया। चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आं‍तरिक कलह और गुटबाजी मिटाकर 'जीत की ज्योति' जलाने का काम किया।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीते कुछ वर्षों में अपनी राजनीति को जो ‍दिशा दी है, उससे उनकी छवि बेहतर हुई है। उनके निजी जीवन की कुछ बातें जो आप नहीं जानते होंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया 28 अक्टूबर 2012 से 25 मई 2014 तक मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। राजघराने से ताल्लुक रखने वाले ज्योतिरादित्य गुना सीट से सांसद हैं।

ज्योतिरादित्य शूटिंग, क्रिकेट, आर्चरी और कार रेसिंग का शौक रखते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ौदा के गायकवाड़ घराने की राजकुमारी प्रियदर्शनी राजे से 12 दिसंबर 1994 में शादी की। राजकुमारी प्रियदर्शनी दुनिया की टॉप-50 ब्यूटीफुल वुमंस की लिस्ट में जगह बना चुकी हैं। ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया का 30 सितंबर 2001 को विमान हादसे में निधन हो गया था।

पिता के निधन के बाद ज्योतिरादित्य ने राजनीति में प्रवेश किया। पिता की तरह ज्योतिरादित्य की भी क्रिकेट में रुचि है। ज्योतिरादित्य फरवरी 2002 में गुना सीट पर उपचुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में इसी सीट से वे दोबारा चुने गए। ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में 1874 में यूरोपियन शैली में बने महल जयविलास पैलेस में रहते हैं।

इस शाही महल में कुल 400 कमरे हैं। महल की छतों पर सोना जड़ा हुआ है। इसके 40 कमरों में अब म्यूजियम बना हुआ है। पैलेस रॉयल दरबार हॉल 100 फुट लंबा, 50 फुट चौड़ा और 41 फुट ऊंचा है। इसमें 140 सालों से 3500 किलो के दो झूमर टंगे हुए हैं। इन झूमरों का निर्माण बेल्जियम के कारीगरों ने किया है। सबसे खास बात यह है कि पैलेस के डाइनिंग हॉल में चांदी की ट्रेन है, जिसके जरिए खाना परोसा जाता है।