शिवराज को घेरने वाले नेता रह गए बेटिकट, अब बढ़ाएंगे कांग्रेस की मुसीबत
भोपाल। मध्यप्रदेश में पांच साल शिवराज सरकार को घेरने वाले आंदोलनकारी नेता इस बार चुनाव लड़ने की चाहत मन में रखे हुए थे। सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले इन नेताओं को कांग्रेस ने इनके आंदोलन के समय कभी पर्दे के आगे तो कभी पर्दे के पीछे जाकर खूब सपोर्ट किया था।
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता गया इन नेताओं में विधायक बनने की इच्छा भी बढ़ती गई। चुनाव से ठीक पहले टिकट पाने की जुगाड़ में ये नेता खुलकर कांग्रेस के साथ आ गए। चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं में रतलाम से पूर्व विधायक और व्यापम में सरकार को घेरने वाले पारस सकलेचा, इंदौर के व्हिसल ब्लोअर आनंद राय, मालवा में किसान आंदोलन के दौरान तेजी से किसान नेता के रूप में उभरे केदार सिरोही और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोलेने वाले नेता अर्जुन आर्य शामिल थे।
ये सभी नेता कांग्रेस से टिकट की आस लगाकर बैठे थे। इन नेताओं को कांग्रेस ने टिकट का भरोसा दिया था, लेकिन जब टिकट बंटवारे की बात आई तो कांग्रेस ने इन सभी से किनारा कर लिया। कभी कांग्रेस की तारीफ करने वाले ये नेता बदले हालात में अब कांग्रेस पर ही निशाना साध रहे हैं।
आनंद राय : व्यापम में शिवराज सरकार को सबसे अधिक घेरने वाले व्हिसिल ब्लोअर आनंद राय चुनाव में इंदौर 5 सीट से कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उनको मौका न देकर इस सीट से सत्यनारायण पटेल को चुनाव मैदान में उतारा। टिकट नहीं मिलने के बाद आनंद राय कांग्रेस पर हमलावर हो गए हैं। राय ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर निशाना साधते हुए विश्वासघात करने का आरोप लगाया है।
पारस सकलेचा : व्यापम सहित कई मुद्दों पर शिवराज सरकार के लिए मुश्किल खड़ी करने वाले पूर्व निर्दलीय विधायक पारस सकलेचा 2015 में कांग्रेस में शामिल हुए। पारस सकलेचा को कांग्रेस ने टिकट का आश्वासन भी दिया था, जिसके बाद पारस सकलेचा ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी थी, लेकिन पार्टी ने पारस सकलेचा को टिकट नहीं दिया। नाराज सकलेचा अब कांग्रेस के खिलाफ मुखर हो गए हैं।
अर्जुन आर्य : मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के खिलाफ उनके घर बुधनी में मोर्चा खोलने वाले नेता अर्जुन आर्य को समाजवादी पार्टी ने बुधनी से विधानसभा का टिकट दिया था, लेकिन अर्जुन आर्य समाजवादी पार्टी का टिकट लौटाकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अर्जुन आर्य ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के सामने बुधनी से चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताई थी। टिकट का भरोसा मिलने के बाद अर्जुन ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था, लेकिन पार्टी ने चुनाव के समय इस सीट से अरुण यादव को चुनाव मैदान में उतार दिया।
केदार सिरोही : किसान आंदोलन के समय मालवा में किसान नेता के रूप में उभरे केदार सिरोही की मालवा निमाड़ में किसानों के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है। सिरोही को चुनाव के समय किसान वोट बैंक को साधने के लिए कांग्रेस ने पार्टी में शामिल कर लिया। केदार चुनाव लड़ना भी चाह रहे थे, लेकिन पार्टी ने उनको मौका नहीं दिया।