मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 500 पिंक बूथों पर केवल महिला अधिकारी और कर्मचारी
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) वीएल कांताराव ने बताया है कि इस बार विधानसभा चुनाव में प्रदेश में लगभग 500 पिंक बूथों पर केवल महिला अधिकारी और कर्मचारी मतदान कराएंगी।
राव ने यह जानकारी रविवार को यहां राजनीतिक दलों के साथ बैठक में देते बताया कि इसी तरह प्रदेश में 20 से 25 मतदान केंद्रों पर केवल दिव्यांग कर्मचारी कार्यरत रहेंगे और मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित कराएंगे। सीईओ ने कहा कि विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद सभी राजनीतिक दल और प्रत्याशी आदर्श आचरण संहिता का पालन करें। सभी दल पर्यावरण बचाने के लिए भी अपना योगदान दें और इस बार चुनाव में ईको फ्रेंडली प्रचार-प्रसार करें।
राव ने बताया कि निर्वाचन संबंधी गंभीर शिकायतों पर 24 घंटे में कार्रवाई की जाएगी। अन्य शिकायतों पर 3 दिन में कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उड़नदस्ता और वीडियो सर्विलांस टीमें निरंतर भ्रमण कर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करेंगी। कानून व्यवस्था की प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी। निर्वाचन सदन में एमसीएमसी द्वारा न्यूज चैनलों पर प्रसारित होने वाले विज्ञापनों पर निगरानी रखने के लिए जनसंपर्क की टीम 24 घंटे निगाह रखेगी।
उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में 5 करोड़ 3 लाख 34 हजार 260 मतदाता निर्वाचक नामावली में नामांकित हैं। फोटोयुक्त मतदाता सूची 100 प्रतिशत उपलब्ध रहेगी। मतदान के 5 दिन पूर्व बीएलओ द्वारा वोटर स्लिप का घर-घर वितरण किया जाएगा। दिव्यांग मतदाताओं के लिए ब्रेल लिपि में पर्ची का वितरण होगा। राव ने बताया कि प्रदेश में इस बार 65 हजार 341 पोलिंग बूथों पर मतदान होगा। सभी संवदेनशील मतदान केंद्रों पर वीडियोग्राफी कराई जाएगी। ऐसे सभी मतदान केंद्रों पर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात होगी।
उन्होंने बताया कि विधानसभा निर्वाचन 2018 में सभी प्रत्याशियों को नामांकन जमा करने के साथ ही शपथ पत्र जमा करना होगा जिसमें उनके विरुद्ध यदि प्रकरण दर्ज हैं, तो उसका पूर्ण रूप से उल्लेख करना होगा। विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा 28 लाख रुपए निर्धारित है।
भारत निर्वाचन आयोग की घोषणा के अनुसार मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 28 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 11 दिसंबर को होगी। चुनाव की अधिसूचना 2 नवंबर को जारी होगी और 9 नवंबर तक नामांकन जमा किए जा सकेंगे। फॉर्मों की जांच 12 नवंबर को होगी और 14 नवंबर को नाम वापसी के साथ ही प्रत्याशियों की सूची जारी होगी। बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संदीप यादव, लोकेश जाटव, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कौल और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।