मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. मोटिवेशनल
  4. Compassion is central to the teachings of Guru Nanak Dev : Kailash Satyarthi
Written By
Last Updated : सोमवार, 8 अगस्त 2022 (13:57 IST)

गुरुनानक देव की शिक्षाओं का केंद्र है करुणा : कैलाश सत्‍यार्थी

गुरुनानक देव की शिक्षाओं का केंद्र है करुणा : कैलाश सत्‍यार्थी - Compassion is central to the teachings of Guru Nanak Dev : Kailash Satyarthi
नई दिल्‍ली, गुरुनानक देव जी की शिक्षाओं का मूल केंद्र करुणा है। वह दुनिया को उदारता, सह्दयता और तर्कपूर्ण नजरिए से देखते हैं। वह समानता के पुरजोर पैरोकार थे। उनका मानना था कि जो भी व्‍यक्ति समानता के अधिकार को मानता है, वह धार्मिक है।

यहां देश की राजधानी में पुस्‍तक ‘द गुरु : गुरुनानक साखी’ के विमोचन कार्यक्रम में नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित कैलाश सत्‍यार्थी ने उक्‍त विचार रखे। इस पुस्‍तक की लेखिका रिटायर्ड सिविल सर्वेंट रजनी सेखरी सिबल हैं। राजधानी दिल्‍ली में कोरोना एक बार फिर फैलने की वजह से कैलाश सत्‍यार्थी पुस्‍तक विमोचन कार्यक्रम में नहीं आ सके थे। इसलिए यहां उनका संदेश पढ़ा गया।

कैलाश सत्‍यार्थी ने अपने संदेश में कहा कि गुरुनानक देव के बारे में छोटी-छोटी कहानियों से पता चलता है कि कैसे पांच शताब्‍दी पहले एक अद्भुत व अकल्‍पनीय आध्‍यात्मिक गुरु इस धरती पर आया था। कैलाश सत्‍यार्थी के अनुसार मौजूदा समय में देश-दुनिया का जो हाल है, उसमें गुरुनानक देव की शिक्षाएं हम सभी को अपनाने की जरूरत है। कैलाश सत्‍यार्थी के अनुसार मौजूदा दौर में जो दुनिया है वह अपने आप में एक युद्ध सी स्थिति में जी रही है।

नोबेल शांति पुरस्‍कार विजेता का मानना है कि इस समय पूरी दुनिया को सुख, समृद्धि व शांति के लिए गुरुनानक देव की शिक्षाओं को अपनाने की जरूरत है।

वहीं, पुस्‍तक की लेखिका ने कहा, ‘बचपन में मैंने अपनी दादी से गुरुनानक देव की शिक्षाओं को कहानियों के रूप में सुना था और तभी से यह इच्‍छा थी कि इन्‍हें किताब के रूप में सभी लोगों तक पहुंचाऊं। मैं गुरुनानक की शिक्षाओं की बड़ी प्रशंसक व अनुयायी रही हूं और हमेशा कोशिश की है कि उनकी शिक्षाओं का पालन करूं।’

राजधानी के इंडिया इंटरनेशन सेंटर में पुस्‍तक विमोचन कार्यक्रम में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस और गुरुद्वारा इलेक्‍शन कमीशन के चेयरमैन एसएस सरोन, जर्मनी के पूर्व एबेंसडर गुरजीत सिंह और यूरोपियन यूनियन के पूर्व एबेंसडर मनजीव पुरी शामिल रहे। इस पुस्‍तक का प्रकाशन स्‍टोरी मिरर ने किया है।
ये भी पढ़ें
Sawan 2022: श्रावण सोमवार व्रत में आलू, साबूदाना, खसखस सहित 5 तरह की खीर का ले सकते हैं स्वाद