देसी मोबाइल ब्रांडों से है असली खतरा
फर्जी आईएमईआई अपलोड कर चल रहा है गोरख धंधा
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धीरज कनोजिया नई दिल्ली। चीनी मोबाइल हैंडसेट पर प्रतिबंध लगाकर भले ही केंद्र सरकार ने राहत की सांस ली हो, लेकिन चीनी मोबाइल फोन की जगह भरने वाले देसी ब्रांडों ने सरकार की नींद हराम कर रखी है। सूत्रों के मुताबिक चीनी मोबाइल फोन के बाजार पर कब्जा जमाने चक्कर में पिछले कुछ महीने के भीतर उपजे घरेलू ब्रांडों ने सुरक्षा के नियमों को ताक में रख दिया है। यह हैंडसेट कंपनियां फर्जी आईएमईआई नंबर वाले हैंडसेटों को बाजार में खपा रही है। वहीं इन हैंडसेटों के सभी उपकरण चीन से ही आयात हो रहे हैं। चीन से आ रहे हैं रोजाना 1 लाख सॉफ्टवेयरदूरसंचार विभाग के सूत्रों के मुताबिक चीनी मोबाइल हैंडसेट पर पिछले साल प्रतिबंध लगने के बाद चीन से ही प्रति दिन एक लाख आईएमईआई नंबर वाले मोबाइल सॉफ्टवेयर आ रहे हैं। जिसे कई स्थानीय डीलर मोबाइल हैंडसेट में एक स्पाइडरमैन नामक सॉफ्टवेयर के जरिए अनाप शनाप आईएमईआई नंबर अपलोड कर रहे हैं। दिल्ली के मशहूर मोबाइल फोन बाजार गफ्फार मार्केट के इसी तरह के एक हैंडसेट डीलर ने कहा कि चीन से सॉफ्टवेयर आयात होने के तीन दिन में ही हैंडसेट तैयार ही नहीं हाथों हाथ बिक भी जाता है। स्थानीय डीलर हजारों टन की मात्रा में ऐसे सॉफ्वेयर मँगा रहे हैं। उन्हें दस रूपए प्रति हैंडसेट की लागत पड़ती है और बिकता है यह एक से तीन हजार रूपए में। यानी भारी मुनाफा। विभाग के सूत्र कहते है कि चीन से हैंडसेट की जगह सॉफ्टवेयर मंगा लिया जाता है और यहाँ इसे हैंडसेट में निर्मित कर देसी ब्रांड का रूप देकर बाजार में खपा दिया जाता है। दूरसंचार विभाग ने इस पर लगाम लगाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को ऐसे फर्जी आईएमईआई नंबर वाले हैंडसेटों की मोबाइल सेवा बंद करने के लिए कहा है। इन हैंडसेटों की खास बात यह है कि इनमें नए फीचर दिए गए हैं, जो ग्राहकों को आकर्षित करने में मुख्य कारण है। एक ही हैंडसेट में दो सिम कार्ड, मल्टीमीडिया, एफएम रेडियो रिकॉर्डर, 30 दिन की स्टैंडबाई बैटरी, वॉटर प्रूफ, बड़ी स्क्रीन, बड़े फॉन्ट, सिंगल डायल बटन, करेंसी चेकर, टच स्क्रीन, चार पिक्सल कैमरा और वीडियो फिल्म रिकॉर्डिंग जैसी कुछ इसकी खासियतें हैं। बड़े ब्रांड इन सब सुविधाओं के हैंडसेट दस से 25 हजार रूपए में बेच रहे हैं, जबकि देशी लोकल ब्रांड आपको ढाई हजार से पाँच हजार के बीच में आसानी से मिल जाएगा।