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Written By ND

वैकल्पिक दवा बन सकती है खतरा

वामा
ND
बच्चों में परंपरागत दवा के बदले वैकल्पिक दवा देना खतरनाक हो सकता है। यानी अगर आप एलोपैथी दवा से बच्चे का इलाज कर रहे हैं और बीच में इसे छोड़कर होम्योपैथी या अन्य वैकल्पिक दवा देना शुरू कर देते हैं, तो इसका खतरनाक साइड इफेक्ट हो सकता है।

आस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने 2001 से 2002 के बीच साइड इफेक्ट के कारण बच्चों में हुई परेशानी पर निगरानी करते हुए यह अध्ययन किया है। इन बच्चों को वैकल्पिक दवा के रूप में हर्बल इलाज, विटामिन सप्लीमेंट या नेचुरोपैथी दवा देने के कारण साइड इफेक्ट हुआ था।

शोधकर्ताओं ने गंभीर रूप से 39 साइड इफेक्ट के मामलों का अध्ययन किया। इनमें से 4 मामलों में बच्चे की मौत हो गई। यह अध्ययन अर्काइव ऑफ डिजिज इन चाइल्डहूड के ताजा जर्नल में प्रकाशित हुआ है। औपचारिक मेडिसीन के साइड इफेक्ट के मामले को राष्ट्रीय निगरानी पद्धति में रखा जाता है। इसके विपरीत वैकल्पिक उपचार में इस तरह की कोई प्रणाली नहीं है।

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि नवजात से लेकर 16 साल तक के बच्चे इन पूरक दवाओं से प्रभावित हैं। इनमें 65 प्रतिशत साइड इफेक्ट के मामले आते हैं। इन साइड इफेक्ट के कारण कुछ मामलों में गंभीर रूप से मरने का संकट भी पैदा हो जाता है। 44 प्रतिशत मामलों में डॉक्टरों को ऐसा लगता है कि औपचारिक दवा के नहीं काम करने के कारण साइड इफेक्ट हुआ है। जबकि ऐसा नहीं होता है।

पेनुनसुला मेडिकल स्कूल ऑफ एक्सटर के प्रोफेसर इडजार्ट अर्नस्ट ने बताया कि हम लंबे समय से यह जानते हैं कि वैकल्पिक दवा हमें जोखिम में डाल सकती है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा खतरा तब होता है जब हम प्रभावकारी परंपरागत दवा के बदले अप्रभावकारी वैकल्पिक दवा को शुरू कर देते हैं।