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Last Updated : शनिवार, 4 फ़रवरी 2023 (18:53 IST)

Mesh rash : यदि आपकी राशि मेष है तो आप पर रहेगी मंगलदेव की कृपा, यहां जाकर अर्पित करें 3 चीजें

Mesh rash : यदि आपकी राशि मेष है तो आप पर रहेगी मंगलदेव की कृपा, यहां जाकर अर्पित करें 3 चीजें - Mesh rashi ke liye lal kitab ke upay
Aries zodiac sign astrology: मेष और वृश्‍चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है और देवता मंगलदेव एवं हनुमानजी हैं। इसमें भी यदि आपकी राशि मेष है तो आप पर मंगलदेव की विशेष कृपा रहेगी क्योंकि मेष का स्थान मस्तक में होता है और यह अग्नि तत्व प्रधान राशि है। आपको महाराष्ट्र के जलगांव के पास अमलनेर स्थित मंगलग्रह मंदिर में मंगलदेव के दर्शन करने जरूर जाना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही जागृत मंदिर है।
 
मेष राशि के कारक ग्रह मंगल, सूर्य और गुरु माने गए हैं। अग्नि तत्व प्रधान मेष राशि का स्वामी मंगल है और इस राशि का पूर्व दिशा पर स्वामित्व है। भाग चर है और मेष लग्न की बाधक राशि कुंभ तथा बाधक ग्रह शनि है, इसलिए भी आपको मंगलदेव का आशीर्वाद प्राप्त जरूर करना जाहिए। मंगलदेव ग्रह मंदिर में मंगल दोष की शांति के लिए पूजा और अभिषेक होता है। वहां जाने से पहले जानिए कि लाल किताब का ज्योतिष मेष राशि के बारे में क्या कहता है।
 
अक्षर तालिका : अ, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो।
राशि विशेषता : नेतृत्व, बुद्धि, पराक्रम और बल।
 
लाल किताब के अनुसार पहले भाव अर्थात् खाने में मेष राशि मानी गई है। मेष के मंगल का पक्का घर तीसरा और आठवां माना गया है। लाल किताब अनुसार मंगल नेक और मंगल बद होता है अर्थात् अच्छा और बुरा। कुंडली अनुसार मंगल के खराब या अच्छा होने की कई स्थितियां हैं। यदि आप मेष राशि के जातक हैं तो आपके लिए यहां लाल किताब अनुसार सलाह दी जा रही है।
मंगल बद : बद का अर्थ खराब या अशुभ। मंगल अशुभ होता है- मांस खाने से, भाइयों से झगड़ने से और क्रोध करने से। दूसरा यदि कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है तब अन्य ज्योतिष विद्या अनुसार मंगलिक दोष माना जाता है, लेकिन यहां मंगल का संबंध रक्त से माना गया है। रक्त या स्वभाव खराब है तो मंगल खराब की निशानी समझे।
 
इसके अलावा मेष राशि के जातक का मंगल बद है तो मंगल से संबंधित बीमारियों में पेट के रोग, हैजा, पित्त, भगंदर, फोड़ा, नासूर और आमाशय से संबंधित समस्याएं होने लगती हैं। मानसिक रोगों में अति क्रोध, विक्षिपता, चिढ़चिढ़ापन, तनाव, अनिंद्रा आदि।
 
मात्र 3 चीजें करें अर्पित : यदि आपका मंगल बद है तो आपको निश्‍चित ही मंगल दोष की शंति के लिए अमलनेर स्थित मंगलग्रह देवता के मंदिर जाना चाहिए। यहां दर्शन मात्र से और सिर्फ गुड़, मसूर की दाल और मिश्री अर्पित करने से ही मंगलदेवता प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
सावधानी व उपाय : किसी से मुफ्त में कुछ लेंगे तो बरकत जाती रहेगी। भाई और पिता से झगड़ा न करें। अपने बच्चों को जन्मदिवस पर नमकीन वस्तुएं बांटें। मेहमानों को मिठाई जरूर खिलाएं। विधवाओं की निस्वार्थ मदद करें। हमेशा अपनों से बड़ों का सम्मान करें और उनसे आशीर्वाद लेते रहें। कभी-कभी गुलाबी या लाल चादर पर सोएं। आंत और दांत साफ रखें।
 
हनुमानजी की भक्ति करें। मंगल खराब की स्थिति में सफेद रंग का सुरमा आंखों में डालना चाहिए। गुड़ खाना चाहिए। भाई और मित्रों से संबंध अच्छे रखना चाहिए। क्रोध न करें और मंगल शांति कराएं।