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Last Updated :मुंबई , शनिवार, 22 फ़रवरी 2025 (15:29 IST)

भारतीय मूल के अरबपति की बेटी ने सुनाई दास्तान, युगांडा जेल में मैंने मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन झेला

वसुंधरा (26) पर अपने पिता पंकज ओसवाल के पूर्व कर्मचारी मुकेश मेनारिया के अपहरण और हत्या का पिछले साल झूठा आरोप लगाया गया था। मुकेश मेनारिया को बाद में तंजानिया में जीवित पाया गया।

भारतीय मूल के अरबपति की बेटी ने सुनाई दास्तान, युगांडा जेल में मैंने मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन झेला - Indian origin billionaire's daughter narrates Ugandan prison story
story of Vasundhara Oswal: अपने पिता के एक पूर्व कर्मचारी के अपहरण और उसकी हत्या के झूठे आरोप में युगांडा की जेल में बंद की गईं भारतीय मूल के अरबपति पंकज ओसवाल (Pankaj Oswal) की बेटी वसुंधरा ओसवाल (Vasundhara Oswal) ने आरोप लगाया है कि सलाखों के पीछे काटे करीब 3 सप्ताह के समय में उनके मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ। वसुंधरा (26) पर अपने पिता पंकज ओसवाल के पूर्व कर्मचारी मुकेश मेनारिया के अपहरण और हत्या का पिछले साल झूठा आरोप लगाया गया था। मुकेश मेनारिया को बाद में तंजानिया में जीवित पाया गया।
 
5 दिन के लिए हिरासत में लेकर 2 और सप्ताह के लिए जेल में रखा : वसुंधरा ने शुक्रवार को कहा कि मुझे 5 दिन के लिए हिरासत में लिया गया तथा 2 और सप्ताह के लिए जेल में डाल दिया गया। मेरे मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया गया। उन्होंने मुझे नहाने तक की अनुमति नहीं दी और मुझे भोजन एवं पानी से वंचित रखा। मेरे माता-पिता को मुझे भोजन, पानी और बुनियादी वस्तुएं मुहैया कराने के लिए वकीलों के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ी।ALSO READ: राजस्थान CM भजनलाल को जान से मारने की धमकी, श्यालवास जेल से कैदी ने किया फोन
 
शौचालय जाने की अनुमति भी नहीं थी : उन्होंने दावा किया कि एक समय ऐसा भी था, जब उन्हें एक प्रकार की सजा के रूप में शौचालय जाने की अनुमति भी नहीं थी। वसुंधरा को 1 अक्टूबर, 2024 को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 21 अक्टूबर को जमानत दी गई थी। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने बिना किसी वॉरंट के उनके परिसर की तलाशी ली।
 
वसुंधरा ने कहा कि जब मैंने उन्हें वॉरंट दिखाने को कहा तो उन्होंने कहा कि हम युगांडा में हैं, हम कुछ भी कर सकते हैं, आप अब यूरोप में नहीं हैं। फिर उन्होंने मुझे अपने निदेशक से मिलाने के बहाने उनके साथ इंटरपोल जाने के लिए मजबूर किया। मैं उस दिन जाना नहीं चाहती थी तो एक पुरुष अधिकारी ने मुझे उठाया और अपनी वैन के अंदर पटक दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें आपराधिक वकील के बिना बयान देने के लिए मजबूर किया गया था।
 
बयान देने के बाद उन्हें एक कोठरी में हिरासत में रखा गया : वसुंधरा ने कहा कि बयान देने के बाद उन्हें एक कोठरी में हिरासत में रखा गया तथा उनसे 30,000 अमेरिकी डॉलर देने और अपना पासपोर्ट जमा कराने को कहा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अदालतों से बिना शर्त रिहाई का आदेश मिलने के बाद भी उन्हें 72 घंटे तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया।ALSO READ: क्‍या UP की शहजादी को होगी फांसी, UAE की जेल में है बंद, भारतीय दूतावास रख रहा नजर
 
वसुंधरा को बाद में सूचित किया गया कि उन पर अपहरण और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया जा रहा है और उन्हें उच्च न्यायालय के बजाय निचले स्तर की मजिस्ट्रेट अदालत में ले जाया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें जेल में बंद कर दिया गया और जब उन्हें पता लग गया कि आदमी (मेनारिया) जीवित है, उसके बाद भी उन्होंने मुझे इन आरोपों के तहत जेल में रखा। मेनारिया 10 अक्टूबर को मिला था। मुझे इसके 1 या 2 सप्ताह बाद जमानत मिली।
 
वसुंधरा को 21 अक्टूबर को जमानत मिली लेकिन उनका पासपोर्ट 10 दिसंबर को वापस किया गया। उन्होंने कहा कि वे चाहती हैं कि युगांडा सरकार अपनी गलतियों को सुधारे। वसुंधरा के खिलाफ मामला 19 दिसंबर, 2024 को खारिज कर दिया गया था।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta