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Written By विशेष प्रतिनिधि
Last Updated : मंगलवार, 4 जून 2019 (20:50 IST)

कमलनाथ सरकार के गले की फांस बनता अघोषित बिजली कटौती का मुद्दा

कमलनाथ सरकार के गले की फांस बनता अघोषित बिजली कटौती का मुद्दा - power cuts in mp protest Against Kamalnath Government
भोपाल। मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी की बीच अघोषित बिजली कटौती अब कमलनाथ सरकार के लिए गले की फांस बनती दिख रही है। बिजली कटौती को लेकर जहां एक ओर लोगों का गुस्सा बढ़ता दिख रहा है, वहीं इस पर सियासत भी खूब हो रही है। सरकार जहां दावा कर रही है कि मध्यप्रदेश में सरप्लस बिजली है वहीं अब लोगों का गुस्सा सड़क पर भी देखने को मिलने लगा है।
 
इंदौर में सड़क पर उतरे लोग : मध्यप्रदेश में बिजली कटौती को लेकर सबसे अधिक लोगों का गुस्सा इंदौर में देखने को मिला रहा जहां लोग अघोषित बिजली कटौती को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं। बिजली कटौती के विरोध में भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ लोगों ने मंगलवार को राजबाड़ा पर विरोध प्रदर्शन करते हुए कमलनाथ सरकार का पुतला फूंका।
 
विरोध प्रदर्शन के दौरान लोग हाथों में लालटेन लेकर और टीवी फोड़कर अपना विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इसके पहले इंदौर में बिजली कटौती के विरोध में शायर राहत इंदौरी ने भी ट्वीट कर विरोध जताया था।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संभाला मोर्चा : अघोषित बिजली कटौती से निपटने के लिए अब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को मंत्रालय में ऊर्जा विभाग और बिजली कंपनियों की बैठक कर पूरी स्थिति की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शहरों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि अगर कहीं अघोषित बिजली कटौती हो रही है तो उसको तुरंत बंद किया जाए।
 
बैठक में मुख्यमंत्री ने फाल्ट की सूचना पर तत्काल उसे सुधारने के निर्देश भी अफसरों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मेंटनेंस के लिए बिजली कटौती की जा रही है तो उसकी सूचना पहले से दी जाए। इसके साथ मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को तत्काल खराब ट्रांसफार्मर को बदलने के निर्देश अधिकारियों को दिए, वहीं पिछली सरकार के कार्यकाल में खराब डीपी और उपकरण खरीदने की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
 
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने तार और डीपी की खरीद के लिए एक समीति बनाने के निर्देश भी दिए हैं, वहीं सरकार अब कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए आउटसोर्स पर कर्मचारियों की भर्ती करेगी। इसके साथ ही सरकार टास्क फोर्स गठित कर पूरे मामले से निपटने की तैयारी में है।
भाजपा ने मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा : मध्यप्रदेश में अघोषित बिजली कटौती पर अब सियासत भी गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती होने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
 
गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बाद भी बिजली कटौती क्यों हो रही है, इसको हर कोई जानना चाह रहा है।
 
वहीं, सरकार के इस तर्क पर कि कर्मचारी सरकार का सहयोग नहीं कर रहे है पर तंज कसते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अगर कर्मचारी ही सरकार की नहीं सुन रहे है तो ऐसी सरकार को एक मिनट भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है और उसको खुद इस्तीफा दे देना चाहिए।