मध्यप्रदेश में मेल-मुलाकातों से चढ़ा सियासी पारा,प्रेशर पॉलिटिक्स या सत्ता समीकरण बदलने के संकेत ?
भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा के दिग्गज नेताओं की भेंट मुलाकात की यह तस्वीरें सिर्फ तस्वीरें ही नहीं बल्कि इन तस्वीरों ने प्रदेश के सियासी पारे को अचानक से गर्मा दिया है। सियासी गलियारों में सियासत की इन सौजन्य मेल-मुलाकातों के पीछे सियासी मायने तलाशे जाने शुरु कर दिए गए है। वैसे तो राजनीति में दिग्गज नेताओं की सौजन्य मेल-मुलाकातों का भी अपना अलग ही महत्व और मायने होते है लेकिन अगर इन मुलाकातों को दमोह विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की करारी हार के परिणाम से जोड़ दिया जाए तो इसके कई निहितार्थ तलाशे जा सकते है।
मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में इन दिनों जिन दो नेताओं की चर्चा सबसे अधिक है, वह है केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा। प्रहलाद सिंह पटेल के दिल्ली स्थित निवास पर प्रदेश भाजपा के जिम्मेदार नेताओं की बैठक होने के साथ भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय का उनके निवास पहुंचना और भोपाल में शिवराज सरकार में नंबर-2 का कहे जाने वाले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बंगले पर लगातार दिग्गज नेताओं के पहुंचने ने सियासी अटकलों को तेज कर दिया है।
पहले पहले बात शिवराज सरकार में नंबर-2 की हैसियत रखने वाले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की। राजधानी भोपाल के चार इमली में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बंगला B-6 इन दिनों सुर्खियों में है। वैसे तो प्रदेश की सियासत में नरोत्तम मिश्रा हमेशा एक पॉवर सेंटर के रूप में नजर आते है लेकिन इन दिनों उनके बंगले पर भाजपा के दिग्गज नेताओं का पहुंचना और उनकी सौजन्य मेल-मुलाकातों के कई सियासी मायने निकाले जा रहे है। आज प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सुबह-सुबह नरोत्तम मिश्रा के घर पहुंचे और दोनों नेताओं के बीच करीब 40 मिनट बंद कमरे में बातचीत हुई। इसके एक दिन पहले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा भी नरोत्तम मिश्रा से मिलने पहुंचे थे।
मध्यप्रदेश भाजपा के संकटमोचक कहे जाने वाले नरोत्तम मिश्रा के घर पर मुलाकातों का सिलसिला भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के सप्ताह के पहले दिन मिलने से शुरु हुआ। बंगाल चुनाव में भाजपा के प्रभारी रहे कैलाश विजयवर्गीय अपनी व्यस्तता के चलते वैसे तो मध्यप्रदेश की सियासत से लंबे समय से कटे से नजर आ रहे लेकिन अब बंगाल चुनाव के बाद उनका मध्यप्रदेश की सियासत में सीधा दखल और गृहमंत्री के साथ एक घंटे तक बंद कमरे में चर्चा ने सियासी पारे को गर्मा दिया।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश की राजनीति में सियासी मेल-मुलाकतों कें केंद्र में दूसरे नेता है केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल। प्रहलाद सिंह पटेल का दिल्ली स्थित आवास पिछले एक पखवाड़े से राजनीति के केंद्र पर है। दमोह चुनाव में हार के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा,प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत,प्रदेश संगठन सह महामंत्री हितानंद शर्मा का प्रहलाद सिंह पटेल के घर पहुंचने से ही सियासी अटकलें लगना शुरु हो गई थी।
इन अटकलों ने और तेजी तब पकड़ी जब भोपाल में नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात के बाद कैलाश विजयवर्गीय दिल्ली पहुंचकर प्रहलाद सिंह पटेल से मिलने पहुंचे। मध्यप्रदेश के इन दो दिग्गज और धाकड़ नेताओं की अकेले में हुई मुलाकात ने भी कई अटकलों को जन्म दे दिया है।
राजनीति के जानकार कह रहे है कि दमोह में भाजपा की करारी हार को केंद्रीय नेतृत्व में गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश से सत्ता और संगठन के कामकाज को लेकर पूरी रिपोर्ट तलब की है और इन मुलाकातों और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री के भोपाल दौरे को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में जब अभी मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में ढाई साल का समय शेष है तब इन मुलाकातों को केवल दमोह उपचुनाव से जोड़कर देखना थोड़ी जल्दबाजी होगी।
प्रहलाद पटेल और नरोत्तम मिश्रा से भाजपा दिग्गजों की यह सौजन्य मुलाकातें मध्यप्रदेश की राजनीति में होने वाले किसी बड़े उलटफेर की ओर इशारा तो नहीं कर रही है यह सवाल इन दिनों सियासी गलियारों में पूछा जाने लगा है। वहीं सियासत के जानकार इसे प्रेशर पॉलिटिक्स के नजरिए से भी देख रहे है।