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Last Modified: बुधवार, 12 अक्टूबर 2022 (20:51 IST)

'साइबर ट्रुथ फॉर द यूथ' विषय पर विशेष सत्र का आयोजन

'साइबर ट्रुथ फॉर द यूथ' विषय पर विशेष सत्र का आयोजन - Organized a special session on Cyber truth for the youth
इंदौर। श्री जीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालजी एंड साइंस, इंदौर में फ़र्स्ट ईयर इंजीनियरिंग इंडक्शन प्रोग्राम के तहत 'साइबर ट्रुथ फॉर द यूथ' पर एक विशेषज्ञ सत्र का आयोजन किया गया। सत्र को राष्ट्रीय स्तर साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ प्रो. गौरव रावल ने संबोधित किया।
 
उन्होंने मौजूदा दौर में ऑनलाइन दुनिया में युवा जिन खतरों का सामना करना कर रहे हैं, उन पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में फ़र्स्ट ईयर इंजीनियरिंग के लगभग 700 छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। रावल ने बताया कि पिछले दो सालों में साइबर स्पेस में हमारी ऑनलाइन उपस्थिति बढ़ी है, वहीं दूसरी ओर, पिछले एक साल (2021) में साइबर अपराध 137% तक बढ़ गए हैं। 
 
आजकल नए तरह से अपराध हो रहे हैं, जिनमें वित्तीय धोखाधड़ी, फ़िशिंग, ऑनलाइन जुआ, ईमेल स्पूफिंग, मैलवेयर और पोर्नोग्राफी आदि साइबर अपराध शामिल हैं। यह एक अलग प्रकार के अपराध हैं, जो व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और किसी अन्य प्रकार के सोशल या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से साइबर वारफेयर, कॉर्पोरेट वारफेयर/हमले या नागरिक साइबर अपराध के रूप मे हो सकता है। उन्होंने बताया कि साइबर जगत में एक गलती कई समस्याओं का कारण बन सकती है और आईटी एक्ट लागू किया जा सकता है।
 
प्रोफेसर गौरव रावल ने केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT) की भूमिका और डायल-100 की जिम्मेदारियों के बारे में भी बताया। उन्होंने विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी जैसे कि साइबर अपराध से प्रभावी ढंग से निपटने में भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों के बारे मे विस्तार से बताया।

प्रो. गौरव ने बताया कि आजकल छात्र-छात्राएं ऑनलाइन रिलेशनशिप में आसान शिकार बनते जा रहे हैं और उनके साथ भावनात्मक उत्पीड़न के मामले अक्सर सामने आ रहे हैं। इसके बाद उन्होंने छात्रों से साइबर स्पेस में बातचीत करते समय सतर्क रहने का अनुरोध किया और निम्नलिखित चार पहलुओं के बारे में भी सुनिश्चित किया- 
 
1. सुरक्षा : जहां आपको स्ट्रांग पासवर्ड डालना है। two-factor-authentication ऑप्शन को हमेशा ऑन रखिए।
 
2. गोपनीयता : आपको क्या पोस्ट साझा करना हैं, किसके साथ साझा करना है यह सावधानी से चयन करें।
 
3. सावधानी : पहुंच को सीमित करें या उस व्यक्ति को ब्लॉक करें जिसके साथ आप बातचीत नहीं करना चाहते हैं और अशोभनीय सामग्री की रिपोर्ट करें।
 
4. सर्वकल्याण : हमेशा उद्देश्यपूर्ण सामाजिक गतिविधियों के लिए अच्छी, सच्ची व सार्थक पोस्ट या कमेंट करिए। 
 
अंत में  प्रो. रावल ने साइबर अपराध की रिपोर्टिंग के (ऑनलाइन व ऑफलाइन) विभिन्न तरीकों से सभी को अवगत कराया। इस ऑनलाइन सत्र के माध्यम से सभी छात्रों, अभिभावकों और प्रोफेसरों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और साइबर दुनिया के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
 
प्रो. रावल का प्रेजेंटेशन बहुत सार्थक व प्रभावी था। छात्रों को आज के दौर में हो रहे साइबर क्राइम के खिलाफ सही व सटीक जानकारी मिली। कार्यक्रम की डिजाइन डायरेक्टर डॉ. राकेश सक्सेना ने और सत्र की मेजबानी डॉ. अनुराग पुरोहित व प्रो. अश्विन श्रीवास्तव (सह-समन्वयक) ने की। प्रोग्राम के समन्वयक इंजीनियर मनोज पंडित व मनीष जायसवाल थे।
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