भोपाल। मध्यप्रदेश में नागदा नया जिला बनाया जाएगा। आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नागदा में विकास पर्व के कार्यक्रम में यह बड़ा ऐलान किया। नागदा को जिला बनाने के साथ मुख्यमंत्री ने उन्हेल को तहसील बनाने की घोषणा भी की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निरंतर जनकल्याण के कार्य किए जा रहे हैं।
प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी, सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है। विकास पर्व में प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में विकास कार्यों का लोकार्पण/शिलान्यास किया जा रहा है। नागदा क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी करते हुए इसे जिला बनाया जाएगा और इसके लिए तत्परता से कार्यवाही होगी।
उज्जैन जिले की जो तहसीलें नागदा में स्वेच्छा से मिलना चाहें, उन्हें ही नागदा में सम्मिलित किया जाएगा। उन्हेल को तहसील बनाया जाएगा और यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला जाएगा।
नर्मदा का पानी क्षिप्रा के साथ ही गंभीर और कालीसिंध नदियों में पहुँचाया जाएगा। पूरी मालवा भूमि को हरा-भरा बनाया जाएगा। नर्मदा नदी का पानी नागदा भी पहुँचाया जाएगा। आज यहां नागदा की जनता द्वारा दिए गए प्यार और आशीर्वाद को मैं कभी नहीं भूलूंगा।
मुख्यमंत्री ने नागदा में विकास पर्व के दौरान विशाल जन-समुदाय को संबोधित करने के साथ 261 करोड़ 14 लाख रूपए के विकास कार्यों का भूमि-पूजन/लोकार्पण किया।
इनमें 92 करोड़ 15 लाख रूपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और 168 करोड़ 42 लाख रूपए के विकास कार्यों का भूमि-पूजन शामिल है। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ का वितरण किया। प्रारंभ में कन्याओं का पूजन किया गया।
मुख्यमंत्री ने जन-समुदाय से कहा कि मैं बहनों का भाई, बच्चों का मामा और बुजुर्गों का बेटा हूं। मैं मुख्यमंत्री और आप जनता नहीं है। मैं आपके परिवार का सदस्य हूं और मुझे हमेशा आपकी चिंता रहती है। प्रदेश में बहनों की जिंदगी बदलने का अभियान चल रहा है।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में बहनों को दी जाने वाली राशि वस्तुत: पैसे नहीं, उनका आत्म-सम्मान है, उनका अधिकार है। यह भाई का अपनी बहनों के लिए उपहार है। इस राशि को बढ़ाकर आगामी समय में 3000 रुपए तक किया जाएगा। आजीविका मिशन द्वारा हर बहन की आमदनी कम से कम 10 हजार रुपए प्रतिमाह किए जाने के लिए कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकार ने जनकल्याण की बहुत सारी योजनाएं बंद कर दीं। विशेष पिछड़ी जनजातियों का पोषण-आहार भत्ता, संबल योजना, मेधावी बच्चों को लेपटॉप प्रदाय, बुजुर्गों की तीर्थ-दर्शन योजना, किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण आदि बंद कर दिए गए। हमारी सरकार ने इन सारी योजनाओं को पुन: प्रारंभ किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क, पानी, बिजली, सिंचाई जैसी बुनियादी सेवाओं को सुदृढ़ बनाया जा रहा है। आज प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण सड़कें हैं, निरंतर बिजली आपूर्ति है और हर घर नल से जल पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
सिंचाई के रकबे को 7 लाख हेक्टेयर से बढ़ा कर 45 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा दिया गया है, जिसे आगामी समय में 65 लाख हेक्टेयर किए जाने का लक्ष्य है। पहले 2800 मेगावॉट बिजली बनती थी, अब 28 हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन है। जन-कल्याण के लिए नि:शुल्क राशन, सबके लिए आवास, उज्ज्वला गैस, आयुष्मान कार्ड जैसी योजनाएं संचालित हैं।