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Last Updated : सोमवार, 13 जनवरी 2020 (21:06 IST)

CM कमलनाथ की नाराजगी के बाद PSC के जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय,भाजपा हुई हमलावर

CM कमलनाथ की नाराजगी के बाद PSC के जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय,भाजपा हुई हमलावर - MP PSC : Cm kamalnath ordered an inquiry on objectionable question on Bhils community
मध्य प्रदेश में पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में भील समाज को लेकर पूछे गए प्रश्न से उठे विवाद ने अब सियासी रंग ले लिया है। भाजपा ने इसे आदिवासी समाज का अपमान बताते हुए 14 जनवरी को धार, झाबुआ, बड़वानी, खरगोन और अलीराजपुर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपने का फैसला किया है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने इसे भील समाज का अपमान बताते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार के संरक्षण में इस प्रकार की प्रवृत्तियां फलफूल रही हैं, जो टंट्या भील जैसे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के वंशजों का अपमान करने का दुस्साहस करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पूर्व भी कांग्रेस के एक विधायक महाराणा प्रताप के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां कर चुके हैं लेकिन सरकार ने उनके विरुद्ध भी कोई कदम नहीं उठाया। इसी से प्रेरित होकर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भील समाज को अपराधी और शराबी बताने जैसा दुस्साहस अधिकारी कर सके हैं। लेकिन अब पार्टी इसे और बर्दाश्त नहीं करेगी और सड़क पर उतरेगी। 
मुख्यमंत्री कमलनाथ हुए नाराज : इस पूरे मामले पर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा 12 जनवरी 2020 को आयोजित मध्य प्रदेश राज्य सेवा 2019 की प्रारंभिक परीक्षा में भील जनजाति के संबंध में पूछे गए प्रश्नों को लेकर मुझे काफ़ी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस निंदनीय कार्य के लिए निश्चित तौर पर दोषियों को दंड मिलना चाहिए, उन पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए, ताकि इस तरह की पुनरावृत्ति भविष्य में दोबारा न हो।

मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि मैंने जीवनभर आदिवासी समुदाय, भील जनजाति व इस समुदाय की सभी जनजातियों का बेहद सम्मान किया है, आदर किया है। मैंने इस वर्ग के उत्थान व हित के लिए जीवनपर्यन्त कई कार्य किए हैं। मेरा इस वर्ग से शुरू से जुड़ाव रहा है। मेरी सरकार भी इस वर्ग के उत्थान व भलाई के लिए निरंतर कार्य कर रही है।  
इस मामले पर कांग्रेस के आदिवासी नेता और रतलाम के विधायक कांतिलाल भूरिया ने आयोग के अध्यक्ष भास्कर चौबे और सचिव रेणु पंत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनको बर्खास्त करने की मांग सरकार से की है।

बैकफुट पर लोकसेवा आयोग : पूरे मामले पर सियासत गर्म होने के बाद अब एमपी पीएएसी बैकफुट पर आ गई है। लोकसेवा आयोग के चेयरमैन भास्कर चौबे पूरे मामले पर सफाई देने के लिए मीडिया के सामने आए और उन्‍होंने इस मामले पर पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इसके लिए पेपर सेटर और मॉडरेटर दोनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इसके साथ ही जांच समिति पूरे मामले की जांच कर इसकी रिपोर्ट देगी, जिसके बाद आयोग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी।  
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