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Last Modified: मंगलवार, 2 जुलाई 2024 (23:05 IST)

आर्थिक सर्वेक्षण: मध्यप्रदेश की GSDP 9.37% बढ़ी, प्रतिव्यक्ति आय भी चार गुना इजाफा

देश की पांच ट्रिनलियन अर्थव्यवस्था बनाने में भरपूर सहयोग देगा मप्र - वित्तमंत्री देवड़ा _

आर्थिक सर्वेक्षण: मध्यप्रदेश की GSDP 9.37% बढ़ी, प्रतिव्यक्ति आय भी चार गुना इजाफा - Mohan government presented economic survey report in Madhya Pradesh
भोपाल। मध्यप्रदेश में मोहन यादव सरकार बुधवार को अपना पहला पूर्ण बजट पेश करेगी। बजट से पहले आज वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए, मध्य प्रदेश का मौजूदा कीमतों पर राज्य सकल घरेलू उत्पाद में 9,37% फीसदी की वृद्धि के सा 13,63,327 करोड़ रुपये बताया गया है। इसमें  उत्पादन, वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य दोनों की वृद्धि को शामिल किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष के राज्य सकल घरेलू उत्पाद 12,46,471 करोड़ रुपये से लगभग 9.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक वर्ष 2023-24 के लिए स्थिर कीमतों पर जीएसडीपी 6,60,363 करोड़ रुपये थी, जो पिछले वर्ष के 6,22,908 करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह लगभग 6.01 प्रतिशत की वृद्धि है। उप मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा की आर्थिक सर्वेक्षण मध्यप्रदेश की उत्कृष्ट आर्थिक प्रगति को रेखांकित करता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश आर्थिक समृद्धि के नये सोपान तय करेगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपेक्षा अनुसार देश की पांच ट्रिंलियन की अर्थव्यवस्था बनाने भरपूर सहयोग देगा।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अर्थव्यवस्था बढ़ने के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के विकास एवं सभी वर्गों के उत्थान के लिए के लिए कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का संचालन हो रहा है। जनजातीय एवं अनुसूचित जाति समाज के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के कार्यक्रम, महिलाओं को अधिकार देने, उद्योग एवं व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नियमों को सरल बनाकर उनका पालन आसान करने, कृषि में तकनीक का समावेश तथा खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से कृषकों की आय बढ़ाने के उपाय करने जैसे कई प्रयास सुशासन के अप्रतिम उदाहरण बनकर सामने आये हैं।

राज्य में साक्ष्य परक एवं डाटा आधारित नीति निर्माण एवं विश्लेषण को अत्यधिक महत्व दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में यह प्रयास स्पष्ट दिखता है। इस बार का आर्थिक सर्वेक्षण प्रदेश की निवेश, निर्यात, उद्योग, विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में हुई प्रगति को दर्शाता है।

प्रति व्यक्ति आय चार गुना बढ़ी-वर्ष 2011-12 से 2023-24 तक मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राज्य के आर्थिक विकास और समृद्धि की एक अनूठी कहानी कहती है। इस दौरान, प्रति व्यक्ति एनएसडीपी में वृद्धि हुई है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में हुई उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है। मौजूदा कीमतों पर, प्रति व्यक्ति शुद्ध आय वर्ष 2011-12 में 38,497 रुपये से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 1,42,565 रुपये हो गयी है। इसमें लगभग चार गुना की वृद्धि  हुई है।
मुद्रा स्फीति के समायोजन के बाद स्थिर (2011-12) कीमतों पर भी प्रति व्यक्ति शुद्ध आय ने उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई, जो वर्ष 2011-12 में 38,497 रुपये से बढ़कर 2023-24 में 66,441 रुपये हो गयी। यह वृद्धि मुद्रा स्फीति के प्रभावों से परे वास्तविक आर्थिक प्रगति दिखाती है।

प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 45.53%-प्रचलित भावों पर वर्ष 2023-24 में प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 45.53% रहा जो इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। द्वितीयक क्षेत्र का योगदान 18.47% रहा है और तृतीयक क्षेत्र का प्रचलित भावों पर वर्ष 2023-24 में योगदान 36% रहा है। स्थिर मूल्यों पर यह वर्ष 2023-24 में 39.64% हुआ है, जो सेवा क्षेत्र में मजबूती को दर्शाता है। सेवा क्षेत्र में निरंतर निवेश और सुधार से तृतीयक क्षेत्र द्वारा राज्य की आर्थिक प्रगति में अधिक योगदान की संभावना है।

दलहन के उत्पादन में 42.62% की वृद्धि-वित्तीय वर्ष 2023-24 में, मध्य प्रदेश में प्रमुख फसलों के उत्पादन में 0.20% की वृद्धि दर्ज की गयी है। दलहन के उत्पादन में 42.62% की वृद्धि हुई, और तिलहन में 7.32% की वृद्धि दर्ज की गयी। सब्जियों का उत्पादन 235.41 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 242.62 लाख मीट्रिक टन हो गया, और फलों का उत्पादन 95.10 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 95.54 लाख मीट्रिक टन हो गया।

राजस्व आधिक्य-वर्ष 2023-24 में राजस्व आधिक्य राशि रुपए 413 करोड़ रहने का अनुमान है, इसे कोरोना काल की राजस्व घाटे की स्थिति से उबरने एवं मजबूत वित्तीय स्थिति का संकेत हैं। वर्ष 2019-20 से वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य करों का हिस्सा जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में 6.16% से बढ़कर 6.20 प्रतिशत हो गया है इस अवधि के दौरान राज्य के अपने कर संग्रह में 12.79% की वार्षिक दर से बढ़ोतरी हुई।

प्रधानमंत्री जन धन योजना के माध्यम से प्रदेश में अब तक 4.29 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को बैंकिंग की सुविधाओं से लाभान्वित किया है। सरकार द्वारा बैंकिंग सेवाओं को सुलभ एवं कृषि, उद्योग एवं अन्य क्षेत्रों हेतु ऋण विस्तार के प्रयास किए जा रहे, फलस्वरूप वर्ष 2005-06 से वर्ष 2023-24तक कृषि ऋण में 16.4% सी.ए.जी.आर. की वृद्धि एवं एम.एस.एम.ई. क्षेत्र में 33.85% सी.ए.जी.आर. की वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री आवास योजना—शहरी में प्रदेश में 9.50 लाख आवास स्वीकृत हुए हैं, जिसमें से 7.50 लाख आवास पूरे हो चुके हैं। इसके अलावा 3.56 करोड़ लाभार्थियों को डिजिटल आयुष्मान कार्ड जारी करने वाला देश का पहला राज्य है!पीएम स्वनिधि योजना के प्रथम चरण में 8.30 लाख शहरी पथ विक्रेताओं को 827.85 करोड़ रूपए का ऋण वितरित कर  राज्य ने देश में पहला स्थान पर है। वर्ष 2004 से 2024 के बीच में पारंपरिक ऊर्जा उत्पादन में 270.47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। देश के कुल सौर उर्जा उत्पादन में मध्य प्रदेश 8.2 प्रतिशत का योगदान देता है और इस दृष्टि से देश में चौथे स्थान पर है।
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